सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण आवश्यक: रेखा आर्य
-संस्कार भारती ने भू-अलंकरण दिवस पर आईआरडीटी ऑडिटोरियम सर्वे चौक देहरादून में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। संस्कार भारती द्वारा स्वाधीनता का अमृत महोत्सव और पृथ्वी पूजन के अवसर पर भू-अलंकरण दिवस पर आईआरडीटी ऑडिटोरियम सर्वे चौक देहरादून में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मिनिस्टर रेखा आर्य और विशिष्ट अतिथि विधायक कैंट विधानसभा सविता कपूर, डॉ मुकुल सती डायरेक्टर एंड सीईओ डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, वीना भट्ट डायरेक्टर ऑफ कल्चरल डिपार्टमेंट, कार्यक्रम अध्यक्ष भारती पांडे, सचिव सुभाषनी डिमरी और फिर फाउंडेशन ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर सोनल वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम में बहुत सतरंगी प्रोग्रामों के कारण कार्यक्रम का नाम इंद्रधनुष रखा गया।
कार्यक्रम में कुमाऊनी सांध्यकालीन “सांझ पड़ी, सांझ वाली” गीत जिसे रमा, वीना जोशी, कमला पंत, कमला पाण्डे, पूनम पंत, मनोरमा पाण्डे, भारती पांडे द्वारा प्रस्तुत किया गया। ध्येय और देश भक्ति गीत निशा मारकंडे ग्रुप के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में संस्कार भारती की महानगर इकाई की अध्यक्षा भारती पांडे द्वारा पृथ्वी दिवस पर भू-अलंकरण की महत्ता व संस्कार भारती का परिचय दिया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सराहना करते हुए कहा आज सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण आवश्यक है। संस्कार जीवन प्रदर्शक होते हैं। कार्यक्रम में बहुत ही सुंदर पपेट डांस बच्चों के द्वारा किया गया। जिसकी खूब सराहना की गई। एक से एक सुंदर प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जो कि सोनल वर्मा के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत किया गया हनुमान चालीसा व मयूर नृत्य ने खूब तालियां बटोरी। अंकिता कुकरेती ने ‘पायो जी मैंने राम रतन धन’ भजन से सबको भाव-विभोर किया। अंत में कार्यक्रम का का समापन वंदे मातरम के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सोनल वर्मा, प्रांतीय पदाधिकारी रोशनलाल, ऋतु गोयल, जिला ईकाई अध्यक्ष अजय वर्मा, सन्ध्या जोशी, अशोक शर्मा, तनवीर सिंह, प्रेरणा गोयल, ऋतु गोयल, मधु मारवाह, अनुभव सिंह, महेश्वरी कनेरी, अरूणा चावला, विमला गौड़, होशियार पुण्डीर, पार्षद विमला गौड़, योगेश अग्रवाल, सविता अग्रवाल, प्रेमलता बिष्ट, रीटा विशाल, मोहनी, अनिल वर्मा सहित संस्कार भारती के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।