अब संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय अलग होंगे संचालित, शिक्षा मंत्री से चर्चा के बाद संस्कृत शिक्षकों का आंदोलन टला
-संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने आज शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से उनके आवास पर मुलाकात की। पदाधिकारियों ने उनके समक्ष समस्याएं रखी। मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन
देहरादून (Dehradun) संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ (Sanskrit school college teachers association) के पदाधिकारियों ने सोमवार (आज) को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे (education minister Arvind Pandey) से उनके आवास पर मुलाकात (meet) की। पदाधिकारियों ने संस्कृत शिक्षा व शिक्षकों की समस्या (Sanskrit education and teachers problem) से शिक्षा मंत्री को अवगत कराया। विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद शिक्षा मंत्री ने उनके सकारात्मक समाधान आश्वासन दिया। संस्कृत विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों से संबंधिसत आदेश जारी होंगे। चर्चा में तय हुआ कि प्रदेश में अब संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय अलग अलग संचालित होंगे। इसके बाद संगठन ने आज से शुरू होने वाला आंदोलन महीने तक स्थगित (protest postponed) कर दिया है।
शिक्षा मंत्री से मिलने वालों में प्रदेश महामंत्री डॉ नवीन जोशी, प्रदेश संगठन के अनुशासन समिति के अध्यक्ष डॉ अनुसूया प्रसाद सुंद्रियाल , संगठन के प्रदेश संरक्षक डॉ शैलेंद्र प्रसाद डंगवाल, डॉ हरबोला, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ हर्षमणी रतूड़ी, डॉ नवीन जुयाल, डॉ दीपशिखा, डॉ गिरीश पांडे, डॉ कुलदीप पन्त, डॉ ओम प्रकाश ममगाई, डॉ राकेश सेमवाल, डॉ नवीन नौटियाल, डॉ सीमा बिजल्वाण, डॉ नवीन बेलवाल, डॉ मनीषा भंडारी, डॉ प्रकाश जोशी, राम प्रसाद थपलियाल, सुनील फोन्दणी , डॉ विद्या नेगी, डॉ राजेश्वर भट्ट , देवी दयाल आदि शामिल रहे।
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शिक्षा मंत्री के साथ इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
-कई दशकों से चल रही मांग संस्कृत शिक्षा में माध्यमिक व उच्च शिक्षा को अलग-अलग संचालित करने सम्बन्धी आदेश जारी हो गए हैं, अब जल्द ही संस्कृत विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों से संबंधित आदेश जारी होंगे। प्रदेश में अब संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय अब अलग अलग संचालित होंगे।
–संस्कृत शिक्षा निदेशालय एवं परिषद आदि में माध्यमिक शिक्षा के ऊंची पहुंच लगाकर प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों को वापस उनके मूल पदों पर भेजने का निर्णय हुआ है, इसकी भी मांग संगठन लगातार कर था।
-संस्कृत शिक्षा विनियम जो वर्ष 2014 से शासन स्तर में लंबित था, वह भी शीघ्र कैबिनेट में आकर प्रख्यापित होगा।
-संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयों में वर्षों से प्रबन्धकीय व्यवस्था के तहत कार्य कर रहे शिक्षकों के मानदेय में बढ़ाने को भी वित्तीय स्वीकृति मिल गयी है, अब 15 जनवरी को होने वाली कैबिनेट की मुहर लगने के बाद शासनादेश निर्गत होगा। फलस्वरूप इन शिक्षकों को 20, 25, व 30 हजार रुपए तक मानदेय मिलेगा।
-अन्य मुद्दों पर भी बनी सहमति।
सरकार को दो महीने का समय: बिजल्वाण
प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण (state President Dr ram Bhushan bijalwan) ने कहा कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के साथ वार्ता सकारात्मक रही। महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी है। बाकी जिन बिंदुओं पर अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं, उनके लिए सरकार को दो महीने का समय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया था, एक दशक बाद भी संस्कृत हित का कोई काम नहीं हुए। आज शिक्षा मंत्री से चर्चा के बाद कुछ उम्मीद जगी है, इसलिए आज से शुरू होने वाले आंदोलन को सर्वसम्मति से दो महीने के लिए स्थगित किया जा रहा है।