एलोपैथिक दवा जिन्दगी बचाने का आखिरी सहारा, लेकिन इसमें मची है लूट
-संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वावधान में आयोजित की गई विचार गोष्ठी। गोष्ठी में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एलोपैथी और आयुर्वेदिक उपचार पद्घतियों को एक-दूसरे का पूरक बताया। इनको प्रतिद्वंदी प्रमाणित करने की कोशिशो को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वावधान में उपचार पद्धतियों पर चर्चा के लिए विचार गोष्ठी आयोजित की। वक्ताओं ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेदिक उपचार पद्घतियों को एक-दूसरे का प्रतिद्वंदी प्रमाणित करने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों उपचार पद्धतियां मानव का जीवन बचाने के लिए हैं और एक-दूसरे की पूरक हैं।
वक्ताओं के कहा कि वर्तमान में एलोपैथिक दवा जिन्दगी बचाने का आखिरी सहारा महसूस होती है। लेकिन, इसमें लूट मची हुई है। दवा में लूट दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर रोक लगनी चाहिए। कहा कि आलोचना करने के बजाय हम आयुर्वेदिक इलाज को और कारगर बनाने पर काम करें ताकि लोगों का विश्वास आयुर्वेद में बढ़े।
विश्व में सभी चिकित्सा पद्धतियों की स्थापना मानव कल्याण के लिए की गयी है। कोरोना महामारी से आमजन के जीवन को बचाना सभी चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर्स की जिम्मेदारी है।
आजादी के बाद एलोपैथी चिकित्सा के लिए शोध ज्यादा हुए, आयुर्वेद के लिए कम
कोरोना महामारी की तीसरी लहर से देशवासियों को बचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। आजादी के बाद जितना शोध एलोपैथी चिकित्सा के लिए किया गया, काश उतना ही आयुर्वेद के लिए गया होता तो आज विवाद ही नहीं होता। कोरोना वारियर्स के रूप में सैकड़ों डॉक्टरों व हेल्थ वर्कर्स ने जान गंवाई है। हमें उनके समर्पण, त्याग और सेवा को नमन करते हुए देशहित में विवादों को तिलांजलि देनी होगी।
गोष्ठी में इन्होंने रखे विचार
गोष्ठी में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बीपी नौटियाल, संकल्प की अनिता नेगी, संयुक्त नागरिक संगठन के केजी बहल, ऐके मन्हास, समानता मंच के विनोद नौटियाल, क्षत्रिय चेतना मंच के अधिवक्ता रवि नेगी, योगी सुनील शाह, सरदार जीएस जस्सल, आशा टम्टा, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के मुकेश शर्मा, जितेन्द्र रघुवंशपुरी, सुशील त्यागी, सुशील सैनी, नियोविजन के गजेन्द्र सिंह रमोला, डॉ शैलेन्द्र कौशिक, जितेन्द्र डडोना, आचार्य बिपिन जोशी, आगाज के जेपी मैठानी, हर्षिल की रमा गोयल, भरत शर्मा, तारा फाउंडेशन की शैरिंग लयुडिंग आदि ने प्रतिभाग किया।