महाराज के प्रयासों से 20 साल बाद टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मिलेगा न्याय
-कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों से 20 वर्षों के लम्बे इन्तजार के बाद अब टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों की पुनर्वास संबंधित समस्याओं को लेकर सफलता मिलती दिखाई दे रही है।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों से 20 वर्ष बाद टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को न्याय मिलना संभव हो पाया है। टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है, वह प्रभावित क्षेत्र के तत्समय बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रूपये आंकी गई है। टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार दोनों की सहमति से तय हुआ है कि बांध प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास हेतु 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार के अनुसार दिया जाएगा।
टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु 22 जनवरी 2021 को सतपाल महाराज ने टिहरी के जनप्रतिनियों और राज्य सरकार के अधिकारियों को साथ लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ बैठक की थी। बैठक में महाराज के साथ टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रताप नगर विधायक विजय सिंह पवार सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ हुई, उस ऐतिहासिक बैठक में तय किया गया था कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा।
महाराज की देखरेख में टिहरी बांध विस्थापित 415 परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लगातार चल रहे प्रयासों के तहत जनवरी से मैराथन बैठकों का दौर जारी रहा। जनवरी से अब तक टीएचडीसी अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच हुई अनेक बैठकों का परिणाम यह रहा कि टीएचडीसी ने उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग दी है। जिसमें कहा गया है कि वह ‘संपार्श्विक क्षति नीति 2013’ के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर रिट याचिका को वापस ले लेगा।
समझौते के तहत रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में भी तय हुआ है कि रौलाकोट के विस्थापन हेतु पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर आदि गांव में उपलब्ध है, जो पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। क्योंकि उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए
टीएचडीसी 10.5 करोड़ की राशि इसके लिए वहन करेगा।