सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने समझी छोटे कामगारों की पीड़ा, मुख्यमंत्री के सामने रखा मामला
-सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। महाराज ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सिंचाई विभाग की तरह ही अन्य अभियन्त्रण विभागों में भी बड़े काम को छोटे हिस्सों में बांटकर किया जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री पत्र भी सौंपा है।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्तराखंड में स्थानीय स्तर पर छोटे कामगारों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर उनकी पीड़ा मुख्यमंत्री ने समक्ष रखी। महाराज ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सिंचाई विभाग की तरह ही अन्य अभियन्त्रण विभागों में भी बड़े काम को छोटे हिस्सों में बांटकर किया जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री पत्र भी सौंपा है।
महाराज ने कहा है कि वर्तमान में कोरोना से स्थानीय लोगों की वित्तीय स्थिति पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सरकार ने पूर्व में सिंचाई विभाग के बड़े काम को अधिकतम चार हिस्सों में बांटकर करने निर्णय लिया था। वर्तमान में कोरोना के कारण स्थानीय लोगों की वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो गई है। ऐसे में व्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए स्थानीय ठेकेदारों व पलायन कर आए श्रमिकों/कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए छोटे हिस्सों में बांटकर निर्माण कार्य करवाने चाहिए। इसके तहत न्यूनतम 20 लाख रुपए की सीमा तक के काम स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराने का मामला राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।
स्थानीय ठेकेदारों के हितों का संरक्षण आवश्यक
मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में महाराज ने कहा है कि स्थानीय निवासियों के साथ ही पलायन कर आए श्रमिकों/ कामगारों को सभी अभियंत्रण विभागों में छोटे ठेकों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाये। सभी अभियांत्रिक विभागों के कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में (न्यूनतम 20 लाख रुपए) बांटकर कर स्थानीय ठेकेदारों से कराया जाये। विभिन्न अभियंत्रण विभाग पर्वतीय, भाबर व मैदानी क्षेत्रों में निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया के तहत बड़े ठेकेदारों से कराए जाते हैं। वर्तमान में पलायन व बेरोजगारी से निपटने व स्थानीय ठेकेदारों के हितों के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि काम छोटे-छोटे हिस्सों में बांटे जाएं। इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करने की स्वीकृति (वित्तीय अधिकारों में संशोधन कर) सक्षम स्तर के अधिकारी की ओर से तय सीमा किया जाना बेहद आवश्यक है।