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नई पीढ़ी के मस्तिष्क को बिगाड़ रहा अश्लील संगीत: पदमश्री सोमा घोष

– नई पीढ़ी समाचार पत्र, पत्रिका व वाजाल (राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (लेडीज विंग) मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ वेबिनार। वक्ताओं ने ‘नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर रखे विचार

शब्द रथ न्यूज। वर्तमान में नई पीढ़ी को मोबाइल उपलब्ध हो गए, जिसमें अधिकतर युवा अश्लील वीडियो देखते हैं, परिणाम स्वरूप समाज में बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में टीनएजर्स के लिए स्वस्थ सेक्स एजुकेशन समय की जरूरी मांग है, इससे बलात्कार की घटनाएं रुकेंगी। साथ ही युवाओं को सही मार्गदर्शन भी मिलेगा। यह विचार देश की प्रख्यात लेखिका सुधा अरोड़ा ने नई पीढ़ी समाचार पत्र, पत्रिका व वाजाल (राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (लेडीज विंग) मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित वेबिनार के में व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने कहा कि एक मां सभी संस्कार जानती होगी, तो बच्चे संस्कार विहीन नहीं होंगे। पहले शास्त्रीय संगीत से जीने का जज्बा पैदा होता था, लोग उसमें सुकून के पल खोजते थे। लोगों का मस्तिष्क प्रफुल्लित और शांत होता था, ऐसा संगीत लोगों में सकारात्मक ऊर्जा भरता थी। लेकिन, वर्तमान पीढ़ी जिस संगीत को सुन रही है। वह है ‘मैं हूं तंदूरी मुर्गी गटकाले मुझे अल्कोहल से’ व ‘चिपकाले मुझे फेविकोल से’। ऐसा संगीत नई पीढ़ी के मस्तिष्क को बिगाड़ रहा है। उनमें नकारात्मक भावनाएं भर रहा है, ऐसी चीजों को रोकना बहुत जरूरी है।

गुजरात के राजकोट की मशहूर कंपनी राजू इंजिनियर्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक खुशबू दोशी ने बताया कि यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि नई पीढ़ी की महिलायें शादी के बाद अपने मां-बाप की ही तरह यदि पति के मां-बाप को भी अपना लें, तो हर घर स्वर्ग हो जाएगा। बच्चा भी इससे सीख लेगा और उसमें अच्छे संस्कार का बीज उत्पन्न होगा। फिर समाज में वृद्ध आश्रमों की संख्या बढ़ने के बजाय घट जाएगी ।

महिलाओं को शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से फिट रहना बहुत जरूरी

सहेली पत्रिका की डिजिटल संपादक कमला बडोनी ने कहा कि नई पीढ़ी अब बदल रही है और काफी समझदार भी है। बच्चों की रोल मॉडल उसकी मां व शिक्षक होती है।अग्नि शक्ति की संस्थापक आशा अष्टा ने कहा कि गोल्ड और ब्यूटी पार्लर में हम बहुत पैसे खर्चा कर देते हैं। लेकिन, अपनी सेहत के लिए समय नहीं निकाल पाते, यह तरीका महिलाओं को बीमार बना रहा है। नई पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं को शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से फिट रहना बहुत जरूरी है ।

बच्चों को संस्कार देना बहुत जरूरी

मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड की महाप्रबंधक अंजली सिंह ने बहुत ही गंभीरता से बात रखते हुए कहा कि बहुत आवश्यक है कि हम बच्चों को सही संस्कार दें। क्योंकि, अंतत: हमारे रिश्ते व संबंध ही हमें ढोते हैं। हमें नई पीढ़ी को ओज व भाव से परिपूर्ण बनाना होगा। इसे आपको इस तरह करना होगा कि आप खुद को गौरवान्वित महसूस करें। उन्होंने परिचर्चा की सराहना करते हुए कहा कि यह परिचर्चा बहुत ही सार्थक व शानदार रही ।

नई पीढ़ी की समस्याएं शरीर से ज्यादा मन की

मुख्य अतिथि अंजलि सिंह के शानदार वक्तव्य के बाद पूरी चर्चा जो इधर-उधर भटक रही थी, वह पूरी तरह विषय पर ही केंद्रित हो गई ।
इस दौरान जहां सुधा अरोड़ा ने बताया कि नई पीढ़ी की समस्याएं शरीर से ज्यादा मन की है, वहीं पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने नई पीढ़ी के नव निर्माण को लेकर कई सुझाव दिए। सहेली की डिजिटल संपादक कमला बडोनी ने अपने बच्चे से खुद किए गए सवाल का दृष्टांत दिया।

नई पीढ़ी के निर्माण में करना होगा योगदान

कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन करते हुए राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन लेडीज विंग (वाजाल) मुंबई की अध्यक्ष अलका अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में छोटे-छोटे बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं होता था। हम सभी को इन समस्याओं का हल ढूंढना होगा और नई पीढ़ी के निर्माण में योगदान करना होगा, तभी समाज व राष्ट्र बेहतर बन सकेगा। यह कार्यक्रम फेसबुक के आखर माग और स्ट्रीम यार्ड पर संपन्न हुआ।

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