शांति प्रकाश जिज्ञासु की पुस्तक ‘गढ़वाली मांगल’ का हुआ लोकार्पण
-अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अपर आमवाला में आयोजित हुआ लोकार्पण समारोह। मुख्य अतिथि आशाराम सिमलान, कार्यक्रम अध्यक्ष दर्जाधरी (राज्य मंत्री स्तर) व हास्य कलाकार घनानंद गगोड़िया, विशिष्ट अतिथि लोकेश नवानी और मुख्य वक्ता डॉ माधुरी बडथ्वाल की रही उपस्थिति। स्वागत संबोधन अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के शोभन सिंह रावत ने किया।
देहरादून (dehradun)। साहित्यकार शांति प्रकाश जिज्ञासु की पुस्तक ‘गढ़वाली मांगल’ बुधवार को लोक को समर्पित हो गई। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अपर आमवाला में आयोजित कार्यक्रम में दर्जाधरी (राज्य मंत्री स्तर) व हास्य कलाकार घनानंद गगोड़िया, मुख्य अतिथि आशाराम सिमलान, संगीत निर्देशक डॉ माधुरी बडथ्वाल, धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के शोभन सिंह नेगी ने पुस्तक का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए घनानंद गागोड़िया ने कहा कि गढ़वाली मांगल की यह पुस्तक लोक संस्कृति के संरक्षण में सहायक होगी। पहाड़ से पलायन कर चुके लोगों की नई पीढ़ी तक भी यह मांगल पुस्तक के रूप में पहुंच पाएंगे और वह अपनी गढ़वाली संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने अपने कई संस्मरण भी सुनाए। लोकेश नवानी ने कहा कि वर्तमान में लोक भाषाओं पर संकट है। उत्तराखंड की लोकभाषा भी उसकी जद में हैं। लोक संस्कृति पर आधारित पुस्तकें लोक संस्कृति के संरक्षण में सहायक होगी। मुख्य वक्ता डॉ माधुरी बडथ्वाल ने उत्तराखंड के लोकगीतों व मांगल पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने कहा कि गढ़वाली लोकगीत विभिन्न राज्यों फैले हुए हैं, हालांकि, उनका स्वरूप अब उन राज्यों के अनुसार स्थानीय हो गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात का गरबा उत्तराखंड से ही गया है। शांति प्रकाश जिज्ञासु ने कहा कि गढ़वाली मांगल की इस पुस्तक में लोक से लिया हुआ है और लोक के लिए ही समर्पित है। गढ़वाली लोक संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से ही इस पुस्तक के प्रकाशन का विचार आया, जो आज साकार हुआ है।
इससे पूर्व दीप प्रज्वलन और मांगल गायन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। शांति बैंजोला ने पुस्तक की समीक्षा की। कार्यक्रम का संचालन अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के अशोक कुमार मिश्रा ने किया। लोकार्पण कार्यक्रम में साहित्यकार देवेन्द्र जोशी, सुरेश स्नेही, वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”, प्रेमलता सजवान, अरुण सजवान, समय साक्ष्य प्रकाशन के प्रवीण भट्ट, स्वामी एस चंद्रा, राकेश जैन, शादाब अली, डॉ राजेश बलूनी, मोहन पाठक, अनीता सिमलान, अंकित, आकांक्षा, देवांश त्यागी आदि मौजूद रहे।