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मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने शिक्षक सम्मान समारोह में बांधा समा, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे रहे मौजूद

-एससीईआरटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय संगीत एवं कला अध्यापक प्रतिभा सम्मान समारोह सम्पन्न

शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। एससीईआरटी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय संगीत एवं कला अध्यापक प्रतिभा सम्मान समारोह बुधवार को सम्पन्न हो गया। समारोह में मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने समा बांध दिया। उनके जौनसारी और हिंदी गीतों पर श्रोताओं का दिल जीत लिया। समारोह में संगीत एवं कला प्रतियोगिता के विजेताओं पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

एससीईआरटी की ओर से सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और विशिष्ट अतिथि मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पांडे ने कहा कि वर्तमान भौतिवादी युग में अध्यात्म और संगीत से जुड़कर ही अवसाद जैसी असाध्य बीमारी से भी मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने महापुरुषों के गुणों को कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से व्यक्त किया- ‘देता संघर्षों को न्यौता, मानवता की खातिर जग में, ठोकर से करता दूर आती बाधा जो भी पग में। वही सूरमा दुनिया में पूजा जाता है।’

जुबिन ने जीता श्रोताओं का दिल

मशहूर पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल ने कहा कि संगीत ऐसी भाषा है जो विश्व के सभी प्राणियों को अच्छी लगती है। शोध बताते हैं कि पेड़-पौधे भी संगीत को पसंद करते हैं। उन्होंने जौनसारी गीत गाकर सबका मन मोह लिया- ‘जरू लागी तेरी पाणि पीरिना, ना जौ कि चेरि खाई ना, ओ साथी, ओ साथी, ओ साथी, तेरी चिट्ठी-पतरी आई ना।’ इसी गीत को उन्होने हिंदी में भी गाया- अंखियों का पानी है ये बेजुबां, तेरी-मेरी कहानी कह रहा दिल का टूटा आइना।’ उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर-‘दिल का दरिया, राहों में जो मिल गया, मुश्किल से मैं संभला था’ और बजरंगी भाई जान का गीत-तारो भरी रात में तेरा खत पढ़ेंगे, कुछ तो बता जिंदगी अपना पता जिंदगी तथा मरजावां फिल्म का ‘तेरे जाने का गम और न आने का गम’ गाकर अपने फैन्स का दिल जीत लिया।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे व सिंगर जुबिन नौटियाल को किया सम्मानित

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे व विशिष्ट अतिथि सिंगर जुबिन नौटियाल का शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। उन्होंने शिक्षा मंत्री आश्वासन दिया कि हम सब कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े हैं। शिक्षा की बेहतरी के लिए जो भी आपके निर्देश होंगे, उनका अक्षरशः पालन किया जायेगा। उन्होंने संगीत की दुनियां के जानेमाने हस्ताक्षर जुबिन नौटियाल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमारे अनुरोध को आपने स्वीकार किया यह हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि जुबिन नौटियाल जैसी युवा प्रतिभाएं बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।यहां का हर बच्चा जुबिन नौटियाल होना चाहता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिभा सम्मान समारोहों से शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों को भी आगे आने के अवसर प्राप्त होंगे।

चुनिंदा प्रतिभागियों ने दी प्रस्तुतियां

इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों की चुनिंदा प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें नमिता मुरारी ने ‘कैसे रे करूं रूबरू, मुख से तुम मीठे-मीठे बोल बोलत हो नित’ गीत को शुद्ध सारंग राग में प्रस्तुत किया। डॉ. लता तिवारी ने न्योली-‘पार भीड़ा काकड़ मार्यो, शीशे की गोलिल, मेरो हिया भरी ओंछ, त्येरी मिठि ब्वोलिल’ गाया। इसके बाद ‘आहा गोरि गंगा भागीरथी को के भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल भवानी धरमा किवाड’ चांचड़ी और ‘गांगुल कां बे ऐ छ, लचका कमर छटका फुना’ छपेली गाकर समा बांध दिया। रमा खर्कवाल ने कोरोना काल में अग्रिम पंक्ति में खड़े योद्धाओं को अपनी कुछ नृत्य मुद्राएं समर्पित की व ‘रंग डारूंगी नंद के लालन पे’ गीत पर होली नृत्य प्रस्तुत किया।

पोस्टर चित्रांकन में देहरादून के सुनील कुमार प्रथम

कार्यक्रम में आज प्रतिभागियों के परिणाम घोषित किये गए। इसमें चित्रकला के तहत पोस्टर चित्रांकन में सुनील कुमार (देहरादून) प्रथम, कृष्ण चन्द्र (अल्मोड़ा) द्वितीय, कम्पोजिशन में संजय रावत (देहरादून) प्रथम, हरिमोहन कंसेरी (बागेश्वर) द्वितीय, लोकचित्रांकन में ज्योत्सना बोहरा (चम्पावत) व पुष्पलता जोशी (देहरादून) दोनों प्रतिभागियों ने समान अंक प्राप्त करने पर प्रथम घोषित किया गया।

शास्त्रीय गायन में नमिता मुरारी ने मारी बाजी

संगीत में गायन के तहत शास्त्रीय गायन में नमिता मुरारी (चम्पावत) प्रथम व हिमांशु जोशी (पौड़ी) द्वितीय, सुगम संगीत गायन में गिरीश जोशी (नैनीताल) प्रथम व प्रीति जोशी (रुद्रप्रयाग) द्वितीय, लोकगायन में लता तिवारी (पौड़ी) प्रथम व सुनील पाण्डे (चम्पावत) द्वितीय, शास्त्रीय वादन में हर्षवर्धन भट्ट (पौड़ी) प्रथम व मोहनी बंसल (नैनीताल) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सुगम संगीत वादन में धर्मेन्द्र चौहान (पौड़ी) ने अकेले प्रतिभाग कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। लोकवादन में प्रताप सिंह (पौड़ी) ने प्रथम, हरीश राम (बागेश्वर) ने द्वितीय, शास्त्रीय नृत्य में पंकज शाह (बागेश्वर) प्रथम और मीनाक्षी (देहरादून) ने द्वितीय, सेमी क्लासिक नृत्य में रमा खर्कवाल (पिथौरागढ) ने प्रथम़, ज्योति भट्ट (टिहरी) ने द्वितीय, लोकनृत्य में भुवनेश्वरी देवी (बागेश्वर) ने प्रथम तथा साधना जोशी (उत्तरकाशी) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

प्रशस्तिपत्र, प्रतीक चिह्न व धनराशि देकर किया सम्मानित

प्रतिभागियों को निदेशक आकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी, अपर निदेशक सीमैट शशि चौधरी, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार नौड़ियाल, विभागाध्यक्ष प्रदीप रावत व उपनिदेशक रायसिंह रावत ने प्रशस्तिपत्र, प्रतीक चिह्न व धनराशि देकर सम्मानित किया।

समारोह में इनकी रही मौजूदगी

पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष देहरादून रामशरण नौटियाल, अपर निदेशक महानिदेशालय वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक सीमैट शशि चौधरी, एडी गढ़वाल महावीर सिंह बिष्ट, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीएस रावत, विभागाध्यक्ष सीमैट दिनेश चन्द्र गौड़ एवं विनोद ढौंडियाल, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी कुलदीप गैरोला, कंचन देवराड़ी, डॉ. आर.डी. शर्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून आशा पैन्यूली, प्राचार्य डायट देहरादून राकेश जुगरान, हेमलता भट्ट, अशोक गुसाईं, कमला बड़वाल, विभागाध्यक्ष एससीईआरटी प्रदीप रावत, उपनिदेशक राय सिंह रावत, हिमानी बिष्ट, किरन बहुखण्डी, पुष्पारानी वर्मा, मधुबाला रावत, आर.पी. डंडरियाल, सहायक निदेशक डॉ. सुनीता भट्ट, मनोरमा बर्त्वाल, वर्षा भारद्वाज, रेखा चौकियाल, प्रधानाचार्या प्रेमलता बौड़ाई, प्रवक्ता डॉ. शशिशेखर मिश्र, डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी, डॉ आलोकप्रभा पाण्डे, मौनिका गौड़, डॉ. शिवानी राणा चंदेल, नीलम पंवार, आशोक सैनी, रमेश पंत, मनोज शुक्ला, सोहन नेगी, भगवती प्रसाद मैंदोली, देवराज राणा, अनुज्ञा पैन्यूली, डॉ. रमेश पंत, रेनु चौहान, दिनेश चौहान मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहन बिष्ट, डॉ. उषा कटियार व मनोज शुक्ला ने किया।

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