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CWC की बैठक में सोनिया गांधी के तल्ख तेवर, मोदी सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली । 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी से कमर कस ली है। मिशन 2019 की रणनीति तय करने के तहत ने राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई गई। राहुल के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद यह CWC की पहली बैठक है। बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और विधानमंडल के नेता मौजूद हैं।

बैठक में क्या बोली सोनिया गांधी

सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने विपक्षी गठजोड़ पर जोर देते हुए उनसे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को अलग रखने की सलाह दी है।  उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए साथ आना जरूरी है। सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि समान विचारधारा वाले दल निजी महत्वकांक्षाएं छोड़कर साथ आएं। उन्होंने कहा कि आरएसएस का मुकाबला करने के लिए ऐसा करना जरूरी है।

चिदंबरम ने बताया कैसे रूप ले सकता है गठबंधन

बैठक में प्रजेंटेशन के जरिए चिदंबरम ने बताया कि किस तरह गठबंधन रूप ले सकता है और पार्टी कहां और कैसे चुनाव में बाजी मार सकती है। चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस 12 राज्यों में मजबूत स्थिति में है और वे वहां 150 सीटें ला सकते हैं। बाकी राज्यों में उन्हें क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करना होगा। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की बात पर सभी नेताओं ने सहमति जताई। हालांकि, पंजाब को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग राय रखी। उन्होंने बताया, ‘मैंने पंजाब में पार्टी की जीत के बारे में पार्टी को बताया है और पंजाब में गठबंधन को लेकर हाईकमान पर निर्णय छोड़ दिया है।’

गठबंधन का चेहरा राहुल होने चाहिए’

ये हमेशा से सवाल उठता रहा है कि अगर 2019 में महागठबंधन बनता है, तो उसका चेहरा कौन होगा। हालांकि इस बीच सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेता सचिन पायलट, शक्ति सिंह गोहिल, रमेश चेन्निथला ने कहा कि हमें रणनीतिक गठबंधन करना चाहिए लेकिन पार्टी (कांग्रेस) गठबंधन के केंद्र में रहनी चाहिए और राहुल गांधी गठबंधन का चेहरा होने चाहिए।

मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू’

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवनिर्मित कांग्रेस वर्किंग कमिटी को भूत, भविष्य और वर्तमान के बीच का पुल बताया। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के लोगों को शोषित भारतीयों के लिए काम करने की बात कही।

CWC मीटिंग पर सुरजेवाला ने कहा, ‘सोनिया गांधी ने यह कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का अहंकार उनकी निराशा व्यक्त करता है। ये बताता है कि मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है।’

इन विषयों पर चर्चा संभव

कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्य रूप से दो विषयों पर चर्चा होगी। पहली मौजूदा राजनीतिक हालात पर और दूसरा आगामी लोकसभा चुनाव यानी मिशन 2019 पर। माना जा रहा है कि बैठक में शुक्रवार को संसद में गिरे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए आने वाले दिनों में राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव काफी अहम हैं। ऐसे में वर्किंग कमेटी की बैठक में इस पर भी बात हो सकती है। सूत्रों की मानें तो नई कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक का कोई विशेष एजेंडा नहीं है, केवल मौजूदा राजनीतिक हालात और आने वाले चुनावों को लेकर बात होगी।

नई सीडब्यूसी का गठन

हाल ही में राहुल गांधी ने नई सदस्यीय कार्यसमिति का गठन किया था। नई सीडब्लूसी में कुल 51 सदस्य हैं। इनमें 23 सदस्य, 18 स्थाई सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि राहुल गांधी ने पहली बार कांग्रेस के मोर्चा संगठनों यानी यूथ कांग्रेस, एनएसयूआइ, महिला कांग्रेस, इंटक और सेवा दल के अध्यक्षों को सीडब्लूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया है। अभी तब ये विस्तारित सीडब्लूसी समिति के सदस्य होते थे।

नई कार्य समिति में कौन-कौन शामिल

नई कार्यसमिति में मल्लिकार्जुन खड़गे, तरुण गोगोई, हरीश रावत, ओमान चांडी, कुमारी शैलजा, अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, दीपक बावरिया, आदि की एंट्री हुई है। सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी आदि वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्यसमिति में बने हुए हैं। शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला आदि कांग्रेस कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। नई कांग्रेस कार्यसमिति में दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी जैसे दिग्गजों को जगह नहीं मिल पाई।

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