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गुरु नानक देव जी की जयंती पर विशेष… डॉ अलका अरोड़ा के दोहे..

डॉ अलका अरोड़ा
प्रोफेसर, देहरादून
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री गुरु नानक जी का जन्मदिन, गुरु का उत्सव, गुरुपूरब (गुरु पर्व) अर्थात गुरु नानक जी की जयंती सिख समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला सबसे सम्मानित दिन है। गुरु नानक जी निहित नैतिकता, कड़ी मेहनत और सच्चाई का संदेश देते हैं। यह दिन महान आस्था और सामूहिक भावना और प्रयास के साथ पूरे विश्व में उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जीवन प्रेम, ज्ञान और वीरता से भरा था।
गुरु नानक देव जी जयंती के उपलक्ष में मैं अपने भावों को शब्दों में ढालकर अरदास, अर्चना, नमन व समर्पण देती हूँ.. कुछ दोहों के माध्यम से..

नानक नाम जहाज है हर कोई जाने भाई।
सत मार्ग पर चलना सीखे गुरु कृपा हो जाई।।

बिगड़े काम बनाए दो शरण तिहारी आए।
संकट घड़ी थाम के नानक गुरु कहाये।।

मन की पीड़ा हर रहे जग में जो दुख पाए।
नानक नाम सुमिर के भवसागर तर जाए।।

हर एक पीड़ा नर की सुनते हो सहाय।
नानक मेरे बाबा तुम ही लेना बचाय।।

देवों सम शब्दों और वाणी से मन निरखाए।
गुरु वचनों से नानक तुम ज्ञान हमें दे जाए।।

मीठी वाणी बोल कर मन को तुम हर्षाये।
नानक नाम सुमिरन से ज्ञानचक्षु खुल जाए।।

आशा और निराशा से पार उतार जाये।
नानक नाम ध्यान से बैर भाव मिट जाए।।

हे मानव के राजहंस तू खुद को ले बचाये।
संकट हरण मंगल करण नानक देव सहाऐ।।

नानक तेरे ज्ञान से जग में उजाला होये।
सूखी नदियां भर उठे कृपा दृष्टि हो जाए।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..30/11/2020
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