गुरु पर्व पर विशेष…कवि हलधर की रचना..गुरु के प्यारे सरदारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
जसवीर सिंह हलधर
कवि/शाइर
देहरादून, उत्तराखंड
—————————————–
गुरु पर्व के पावन दिवस पर
————————————————
गुरु के प्यारे सरदारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
गुरु नानक उच्च विचारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!
गुरु अर्जुन जी की वाणी की हम जब भी बातें सुनते हैं,
गुरु तेग बहादुर दानी की हम जब भी बातें सुनते हैं,
गुरु गोविंद हठी जवानी की हम जब भी बातें सुनते हैं,
गुरु बेटों की कुर्बानी की हम जब भी बातें सुनते हैं,
रण में लहरी तलवारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
भीषणतम रन हुंकारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!1!!
औरंगजेब हठ धर्मी को इतिहास हमें बतलाता है,
मुगलों द्वारा बेसर्मी को इतिहास हमें बतलाता है,
गुरुओं की सेवा कर्मी को इतिहास हमें बतलाता है,
जाटों के लहू की गर्मी को इतिहास हमें बतलाता है,
उन बेदर्दी दीवारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
गुर माता राज दुलारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!2!!
जलियांवाले की गोली के हम जब भी किस्से सुनते हैं,
डायर की खूनी होली के हम जब भी किस्से सुनते हैं,
उस भगत सिंह की टोली के जब भी किस्से सुनते हैं,
संसद में बम की बोली के हम जब भी किस्से सुनते हैं,
उधम जैसे दिलदारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
सुख देव राज गुरु यारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!3!!
गुरु के प्यारों को भूल गए सत्ता हाथों में आते ही,
वो अहंकार में झूल गए सत्ता हाथों में आते ही,
गांधी गीरी में फूल गए सत्ता हाथों में आते ही,
वो मजहब के स्कूल गए सत्ता हाथों में आते ही,
सैंतालीस के बटबारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
सरहद पर चीख पुकारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!4!!
बंटवारे का वो खूनी मंजर सरदारों ने देखा है,
नानकसरजी को होता बंजर सरदारों ने देखा है,
आतंकों का भी खूनी खंजर सरदारों ने देखा है,
गुरु द्वारा होता खूनी पिंजर सरदारों ने देखा है,
आतंकों के अंगारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
मानवता के हत्यारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!5!!
इतना ये सब कुछ होने पर भी हिम्मत कौम नहीं हारी,
दंगों में सब कुछ खोने पर भी हिम्मत कौम नहीं हारी,
नस नस में नसा चुभोने पर भी हिम्मत कौम नहीं हारी,
घायल बच्चों के रोने पर भी हिम्मत कौम नहीं हारी,
सिक्खों में हुए सुधारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
मानवता के उपचारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!6!!
सिख वीरों ने हर जंग लड़ी है भारत माँ की सेवा में,
सीमा पर अब भी फौज खड़ी है भारत माँ की सेवा में,
वीरों की गाथा भरी पड़ी है भारत माँ की सेवा में,
हर मौके पर यह कौम अड़ी है भारत माँ की सेवा में,
गुरु गोविंद के जयकारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!
‘हलधर’ पर गुरु उपकारों की गुरुवाणी याद दिलाती है!!7!!
——————————————————–
सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..30/11/2020
नोट: 1. उक्त रचना को कॉपी कर अपनी पुस्तक, पोर्टल, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर व अन्य किसी माध्यम पर प्रकाशित करना दंडनीय अपराध है।
2. “शब्द रथ” न्यूज पोर्टल का लिंक आप शेयर कर सकते हैं।