गुरु पर्व पर विशेष… हरियाणा गौरव सुनील शर्मा की एक रचना…गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
हरियाणा गौरव सुनील शर्मा
गुरुग्राम, हरियाणा
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गुरुदेव नानक जी के 550वें जन्मदिवस पर एक रचना
अरदास बाबे दी
गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
तू ही जग का मालिक है मुझको राह दिखा दे
मैं घिरा तूफानों से तू मेरा हम दाद है
तू ही नैया पार लगा दे तू मेरा हमराज है
दु:खड़े मिटाए दुनिया के अब मेरी लाज बचा दे
गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
तू ही जग का मालिक है मुझको राह दिखा दे
मैं आया बाबा शरण में तेरी तू ही एक सहारा
तीरथ सारे घूम लिए मैं जगह-जगह से हारा
दे सहारा मुझको बाबा मेरी सोई आस जगा दे
गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
तू ही जग का मालिक है मुझको राह दिखा दे
तेरे कर्म सदा इंसानी तेरी लीला है जग जानी
भूखों को तूने अन्न दिया प्यासों को दिया तूने पानी
मैहर फिर दो बाबा अपनी मेरे कष्ट मिटा दे
गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
तू ही जग का मालिक है मुझको राह दिखा दे
ना मांगू मैं सोना चांदी ना हीरे का थैला
साफ करो मेरे मन मंदिर को जिसमें भरा है मैला
तू जग का दातार है बाबा मेरे सोए भाग जगा दे
गुरुदेव नानक मेरे बिगड़ी मेरी बना दे
तू ही जग का मालिक है मुझको राह दिखा दे।
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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..30/11/2020
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