यतीश्वरानंद ने दिखाए तेवर.. कहा शुगर मिलों में क्या होता था वो भूल जाओ, अब वो नहीं चलेगा…
-गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्य यतीश्वरानंद ने विधानसभा स्थित कार्यालय में गन्ना विकास व चीनी उद्योग से संबंधित विभागीय समीक्षा बैठक ली
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो) (shabd rath news)। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यतीश्वरानन्द (yatishwara nand) में आज (मंगलवार) विधानसभा स्थित कार्यालय में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग की विभागीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों और सरकारी व गैर सरकारी शुगर मिल प्रबन्धकों को सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अब तक शुगर मिलों में क्या होता आया है उसको छोड़ दो। लेकिन, आज के बाद किसी भी शुगर मिल में किसानों के साथ धोखाधड़ी, गन्ने की खरीद से लेकर भुगतान तक किसी भी तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए।
एक भी किसान का गन्ना खरीदने को बचा हो तो बंद नहीं होगी मिल
कड़े अपनाते हुए यतीश्वरानंद ने कहा कि मिल प्रबन्धक, अधिकारी व कर्मचारी किसी ने भी शुगर मिलों में गलत परम्परा को आगे बढ़ाया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। शुगर मिलों में गन्ना घटतोली, बिचैलियों की किसी भी प्रकार की भूमिका, गन्ने खरीद की पर्ची का हेरफेर, बाहरी प्रदेशों से गन्ने की ब्लैक में खरीद इत्यादि पर तत्काल अंकुश लगाया जाय। जब तक एक भी किसान का गन्ना खरीदने को बचा है तब तक किसी भी शुगर मिल को बन्द नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेसिक कोटे का ईमानदारी के साथ सही निर्धारण करने, भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और तीव्र बनने, ढुलाई दरों को तर्किक बनाने, मिलों के खुलने और बन्द करने के समय को दुरुस्त करने किया जाय। साथ ही स्थानीय किसान को खरीद में तव्वजो दी जाय।
यह होती हैं किसानों की परेशानियां
सभी प्रकार की शुगर मिलों सरकारी, सहकारी तथा गैर सरकारी में किसानों की गन्ना घटतोली, गन्ना ढुलाई व ट्रांसपोर्ट की खराब स्थिति, पर्ची भेजने में हेरफेर, समय पर व प्रत्येक तय दिन में शुगर मिल न खुलना, गन्ना मिलों में बिचैलियों का दखल, गन्ना भुगतान की खराब व्यवस्था, बाहरी प्रदेशों से ब्लैक में गन्ने की खरीद, कार्मिकों का खराब बर्ताव, गन्ना खरीद में लोकल किसानों को तवज्जो न देना, किसानों के गन्ने को निम्न गुणवत्ता का बताकर धोखाधडी करना, कार्मिकों की तैनाती में रोस्टर का अनुपालन न होना, गन्ना समिति को निर्धारित किये गये 2 प्रतिशत कमीशन का भुगतान न करना, क्रय केन्द्रों के आसपास सडक ठीक न होना, क्रय केन्द्रों में किसानों के ठहरने, पेयजल, शौचालय, खानपान, व साफ-सफाई न होना, उनके पशुधन को खड़ा करने के लिए व्यवस्था न होना आदि किसानों से जुड़ी शिकायतें रहती है।
जनपद में बनेगी गन्ना समिति
यतिश्वरानंद ने मिलों में सभी प्रकार की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रत्येक जनपद में एक समिति बनाने के निर्देश दिये। समिति में स्थानीय जिला प्रशासन, किसान प्रतिनिधि, गन्ना समिति, स्थानीय प्रतिनिधि व विभागीय प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति शिकायत मिलने पर व खुद संज्ञान लेकर जनपदीय सीमा की शुगर मिलों का औचक निरीक्षण करेगी। उन्होंने सभी शुगर मिलों में तैनात कर्मचारियों का उनके तैनाती से लेकर आज तक का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
कितना गन्ना खरीदना बाकी, मांगी जानकारी
किस शुगर मिल में वर्तमान में किसानों का कितना गन्ना अभी भी क्रय करना बाकी है, इसका भी सर्वे कर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। साथ ही मापतोल करने वाले कर्मचारी का प्रत्येक 15 दिन में रोस्टर के अनुसार स्थानान्तरण करने, एक गांव में एक ही शुगर मिल का कोटा रखने ओर सरकार की ओर से तय प्रक्रिया का शत-प्रतिशत पालन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये।
2 प्रतिशत धनराशि का तत्काल भुगतान करने के निर्देश
मंत्री ने गैर सरकारी मिलों के प्रबन्धकों को किसानों के बकाया भुगतान के साथ ही गन्ना परिषद को नियमानुसार तय 2 प्रतिशत धनराशि का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आज किसानों के हित में सुझाये गये विभिन्न बिन्दुओं पर 2 सप्ताह में अगली बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमें आज के बिन्दुओं पर की गई कार्य प्रगति की जानकारी ली जायेगी। बैठक में गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल, सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र चौहान, महाप्रबन्धक उत्तराखण्ड शुगर मिल रविकान्त, गन्ना समिति-परिषद के चेयरमैन सहित सदस्य मौजूद रहे।