शिक्षक दिवस: कवि सुनील शर्मा के कुछ दोहे
सुनील शर्मा
गुरुग्राम, हरियाणा
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शिक्षक दिवस…
शिक्षक ज्ञान प्रकाश से करता मार्ग प्रशस्त।
कठिन राह पर चल सकें कर देता अभ्यस्त।।
अक्षर अक्षर ज्ञान का देता दिव्य प्रकाश।
गुरु के ही सामर्थ से छूता शिष्य आकाश।।
शिक्षक के बिन जिंदगी समझो अंधा कूप।
जब शिक्षा का रंग चढ़े निखरे सच्चा रूप।।
खाली घट में ज्ञान का भर दे वो भंडार।
वो शिक्षक, शिक्षक नहीं करे ज्ञान का व्यापार।।
ठोक पीट कर कुम्भ को जैसे गढ़े कुम्हार।
वैसे ही गुरु शिष्य को गढ़ कर करे तैयार।।