प्रशांत भूषण कोर्ट की अवमानना के दोषी करार, कोर्ट 20 अगस्त को सुनाएगी सजा
नई दिल्ली। न्यायालय की अवमानना करने के मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी पाया गया है। प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के खिलाफ दो अपमानजनक ट्वीट किए थे। उनका स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने उस पर फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने मामले में प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया। सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने इससे पहले पांच अगस्त को मामले में सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि फैसला बाद में सुनाया जाएगा। प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें अब कोर्ट ने मान लिया है कि इससे अदालत की अवमानना की गई है। उन्होंने कहा था कि ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे। ट्वीट न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते। कोर्ट ने इस मामले में प्रशांत भूषण को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
आवेदन खारिज
पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए 22 जुलाई के आदेश को वापस लेने के लिए अलग से दायर आवेदन खारिज कर दिया था। इस आदेश के तहत कोर्ट की कथित रूप से अवमानना करने वाले दो ट्वीट पर अवमानना कार्यवाही शुरू करते हुए नोटिस जारी किया गया था। पीठ सुनवाई के दौरान भूषण का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे के इस तर्क से सहमत नहीं थी कि अलग आवेदन में उस तरीके पर आपत्ति जताई है, जिसमें अवमानना प्रक्रिया अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की राय लिए बिना शुरू की गई और उसे दूसरी पीठ के पास भेजा जाए।