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सूरज नहीं चाँद हैं बेटियाँ…रोशनी की किताब हैं बेटियाँ…

चंदेल साहेब
शाइर/कवि/लेखक
बिलासपुर हिमाचल प्रदेश
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ईश्वर का आशीर्वाद हैं बेटियाँ
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सूरज नहीं चाँद हैं बेटियाँ।
रोशनी की किताब हैं बेटियाँ।।

साग़र दिल है जिनका।
गंगा यमुना चिनाब हैं बेटियाँ।।

फ़ूल जैसी मुस्कान हैं जिनकी।
वो खिलता ग़ुलाब हैं बेटियाँ।

शीतल कोमल मधुर हैं बेटियाँ।
चौदहवीं का चाँद हैं बेटियाँ।।

हर सवाल का जवाब हैं बेटियाँ।
कामयाब औऱ रवाब हैं बेटियाँ।।

हार नहीं है जीत हैं बेटियाँ।
ईश्वर का आशीर्वाद हैं बेटियाँ।।

2 thoughts on “सूरज नहीं चाँद हैं बेटियाँ…रोशनी की किताब हैं बेटियाँ…

  1. शब्द रथ में अपनी कविताएं कैसे भेजें कृपया पूरी प्रक्रिया बताएं, धन्य वाद

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