साहित्य युवा कवि विनय अन्थवाल की एक कविता… हमें फिर उन्मुक्त कर दो May 30, 2021 admin विनय अन्थवाल देहरादून, उत्तराखंड ————————————— हमें फिर उन्मुक्त कर दो ——————————————- सुनो प्राणेश मेरे कोरोना…
साहित्य वरिष्ठ कवि जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ की पहाड़ पर बहुत ही सुन्दर कविता… पहाड़ शान्त है May 30, 2021 admin जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– पहाड़ शान्त है —————————— आधुनिकता के विषैले पंजों…
साहित्य कवि सुनील शर्मा की देशभक्ति की एक रचना.. मेरा देश हुआ शर्मिंदा मुट्ठी भर गद्दारों से! May 29, 2021 admin सुनील शर्मा गुरुग्राम, हरियाणा ——————————— मेरा देश हुआ शर्मिंदा मुट्ठी भर गद्दारों से! घायल हुआ…
साहित्य अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की कविता… कर्म निकृष्ट तो किये हैं हमने, जो मुँह छुपाये बैठे हैं.. May 29, 2021 admin अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————– कर्म निकृष्ट तो किये हैं हमने, जो मुँह छुपाये…
साहित्य डॉ अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज” की कविता.. चाँदनी में उद्विग्नता May 28, 2021 admin डॉ अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज” देहरादून, उत्तराखंड ————————————————- चाँदनी में उद्विग्नता ———————————– रात जब भी…
साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की रचना… नैना बावरे ढूंढे मीत पुराना May 24, 2021 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ——————————— नैना बावरे ढूंढे मीत पुराना ——————————————- नैना बावरे ढूंढे…
साहित्य हरियाणा गौरव सुनील शर्मा का गीत.. तेरे चरणों में गिरकर बिखर जाऊं मां! May 21, 2021 admin सुनील शर्मा गुरुग्राम, हरियाणा ———————————- गीत ——————- है यही आरजू फूल बन कर खिलूं ,…
साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना … मेरी जिंदगी से पूछा मैंने एक रोज May 21, 2021 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ———————————– जिंदगी ——————— मेरी जिंदगी से पूछा मैंने एक रोज…
साहित्य युवा कवि बृजपाल रावत कविराज की एक ग़ज़ल.. रुख़्तसर होते रिश्ते ये ज़ुबानी कैसी है May 15, 2021 admin बृजपाल सिंह (कविराज) देहरादून, उत्तराखंड —————————————— रुख़्तसर होते रिश्ते ये ज़ुबानी कैसी है हरेक ज़ुबान…
साहित्य युवा शाइर धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली रचना.. बद्री रूठी ह्वला मेरा, या केदार रूठी होला May 15, 2021 admin धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————– बद्री रूठी ह्वला मेरा, या केदार रूठी होला, चीड़…