national काव्य साहित्य अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की गढ़वाली कविता.. उजड़दी कूड़ी की खैरी November 16, 2020 admin अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————- उजड़दी कूड़ी की खैरी ——————————————– हे रे परदेशु जन्दरौं…
काव्य साहित्य भैया तुम सरहद पर रहकर तम दूर करो, मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी.. November 16, 2020 admin जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखण्ड ————————————— गीत -भैया दूज —————————– भैया तुम सरहद पर…
काव्य साहित्य राह सूनी, डगर पर मेला.. क्यों रह गया पथिक अकेला.. November 14, 2020 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ————————————– रुक ना जाना – हे पथिक राह सूनी,…
काव्य साहित्य देहरी में दीप हैं आंगन में दीप आई निशा, निशा के संग में प्रदीप.. November 14, 2020 admin वीरेन्द्र डंगवाल पार्थ कवि/पत्रकार देहरादून, उत्तराखण्ड वॉट्सएप – 9412937280 ———————————————- देहरी में दीप हैं आंगन…
काव्य साहित्य चलो एक किस्सा, सुनाता हूँ। क्या है… ग़रीब की दीवाली, बताता हूँ। November 13, 2020 admin चंदेल साहिब कवि/लेखक बिलासपुर, हिमाचल ————————————– चलो एक किस्सा, सुनाता हूँ। क्या है… ग़रीब की…
धर्म परंपरा साहित्य दीपावली… त्यौहारों का असली महत्व समझें और समझाएं हम.. November 12, 2020 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ———————————— दीपावली… परहित सरिस धर्म नहीं भाई —————————————— दीप से…
काव्य साहित्य पीताम्बर मोर मुकुट धारण कर… चाँदनी रात में मोहन वृंदावन आओ.. November 11, 2020 admin चंदेल साहिब कवि/शाइर/लेखक हिमाचल प्रदेश ——————————————– पीताम्बर मोर मुकुट धारण कर चाँदनी रात में मोहन…
काव्य साहित्य धरा-गगन हैं साक्षी सजा सिर पर ताज, भारत माँ ने पाया उत्तराखंड सरीखा लाल… November 10, 2020 admin तारा पाठक कवियत्री, समाज सेविका कुलावा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– धरा-गगन हैं साक्षी सजा सिर पर…
Uncategorized बोल पहाड़ी कुछ तो बोल, अरे मत बोल हल्ला! कुछ तो बोल… November 9, 2020 admin डॉ अजय सेमल्टी गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड CC-SA-NC-ND ———————————————- बोल पहाडी कुछ तो बोल…….
उत्तराखण्ड काव्य साहित्य भोर आज हंस रही है शाम मुस्कुरा रही, देवभूमि आज अपनी वर्षगांठ मना रही… November 9, 2020 admin जगदीश ग्रामीण कवि/शिक्षक टिहरी गढ़वाल —————————————– दर्द – ए – दिल ——————————- भोर आज हंस…