साहित्य सुनील शर्मा का देश को समर्पित गीत.. लहराए तिरंगा तू छूता रहे गगन!! June 6, 2021 admin सुनील शर्मा गुरुग्राम, हरियाणा ———————————- गीत: 🇮🇳🇮🇳”मेरा तिरंगा “🇮🇳🇮🇳 —————————————————– देता रहे सलामी हरदम तुझे…
साहित्य डॉ ब्रह्मानंद तिवारी ‘अबधूत’ का एक गीत… क्यों चुराई नींद रातों की हमें समझाइये June 6, 2021 admin डॉ ब्रह्मानंद तिवारी ‘अबधूत’ मैनपुरी, उत्तर प्रदेश —————————————— क्यों चुराई नींद रातों की हमें समझाइये…
साहित्य पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ की पर्यावरण दिवस पर एक रचना… कर मेरा श्रँगार तू June 5, 2021 admin पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ शक्तिफार्म, सितारगंज ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड ————————————————- कर मेरा श्रँगार तू ——————————- हरी-भरी वसुंधरा,…
साहित्य पर्यावरण दिवस पर कवि सुरेश स्नेही की गढ़वाली कविता …. डाळी June 5, 2021 admin सुरेश स्नेही देहरादून, उत्तराखंड ———————————– डाळी —————- अल्सिगिन डाळि जू देखि छै ब्याळि, भोळ तू…
साहित्य राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ कुसुम रानी नैथानी की कहानी.. धमकी June 4, 2021 admin डॉ के. रानी देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– धमकी ——————– पिछले एक हफ्ते से देवेश बड़ा बुझा-बुझा…
साहित्य वरिष्ठ कवि जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ का गीत.. पोथी पढ़ पण्डित हुए सभी.. फिर ढाई आखर कौन गुने June 1, 2021 admin जय कुमार भारद्वाज अरुण देहरादून, उत्तराखंड ———————————— मानवता —————————— मानव मानव से कटा आज मानव…
साहित्य जसवीर सिंह हलधर की हिंदी ग़ज़ल… कलियों पर कांटों के ताले, अब से नहीं जमाने से हैं! May 31, 2021 admin जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————- ग़ज़ल (हिंदी) ————————— बागों के माली रखवाले, अब से…
साहित्य युवा कवि विनय अन्थवाल की एक कविता… हमें फिर उन्मुक्त कर दो May 30, 2021 admin विनय अन्थवाल देहरादून, उत्तराखंड ————————————— हमें फिर उन्मुक्त कर दो ——————————————- सुनो प्राणेश मेरे कोरोना…
साहित्य वरिष्ठ कवि जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ की पहाड़ पर बहुत ही सुन्दर कविता… पहाड़ शान्त है May 30, 2021 admin जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– पहाड़ शान्त है —————————— आधुनिकता के विषैले पंजों…
साहित्य कवि सुनील शर्मा की देशभक्ति की एक रचना.. मेरा देश हुआ शर्मिंदा मुट्ठी भर गद्दारों से! May 29, 2021 admin सुनील शर्मा गुरुग्राम, हरियाणा ——————————— मेरा देश हुआ शर्मिंदा मुट्ठी भर गद्दारों से! घायल हुआ…