Fri. Nov 22nd, 2024

चूल्हे पर पकती रोटियां

कवि अमित नैथानी मिट्ठू का एक संस्मरण.. माँ के हाथों और डंडों से हमारी सर्विसिंग भी हुई

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ————————————– अतीत… ————————- इन सर्द शामों में अंगीठी के पास…