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बावर के हिन्दुस्तानी

युवा कवि अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की एक गंभीर रचना.. हम न्यूटन-आइंस्टीन रटते गये और सुश्रुत-कणाद को भूलते गये

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ———————————- कौन हो तुम …? —————————— जब मैं पढ़ रहा…