Fri. Nov 22nd, 2024

मजहब अगर नहीं होते तो

कवि हलधर का प्यारा सा गीत…मज़हब अगर नहीं होते तो, रूप जगत का न्यारा होता

जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखंड —————————————– गीत -रूप जगत का न्यारा होता ———————————————— तुम…