Sat. Nov 23rd, 2024

मैंगाई की मार

कवि धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ की एक गढ़वाली रचना..मैंगाई की मार छा.. यू कनु अत्याचार छा

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ———————————- मैंगाई की, मार छा, यू कनु अत्याचार छा, आटू…