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अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की गढ़वाली कविता.. उजड़दी कूड़ी की खैरी

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————- उजड़दी कूड़ी की खैरी ——————————————– हे रे परदेशु जन्दरौं…

भैया तुम सरहद पर रहकर तम दूर करो, मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी..

जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखण्ड ————————————— गीत -भैया दूज —————————– भैया तुम सरहद पर…

देहरी में दीप हैं आंगन में दीप आई निशा, निशा के संग में प्रदीप..

वीरेन्द्र डंगवाल पार्थ कवि/पत्रकार देहरादून, उत्तराखण्ड वॉट्सएप – 9412937280 ———————————————- देहरी में दीप हैं आंगन…

भोर आज हंस रही है शाम मुस्कुरा रही, देवभूमि आज अपनी वर्षगांठ मना रही…

जगदीश ग्रामीण कवि/शिक्षक टिहरी गढ़वाल —————————————– दर्द – ए – दिल ——————————- भोर आज हंस…

प्रेम पर ‘वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”‘ की कुंडलियां….

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” कवि/गीतकार देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————— प्रेम पर ‘वीरेंद्र डंगवाल पार्थ’ की कुंडलियां 1-…