Thu. Nov 21st, 2024

literature

पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ की पर्यावरण दिवस पर एक रचना… कर मेरा श्रँगार तू

पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ शक्तिफार्म, सितारगंज ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड ————————————————- कर मेरा श्रँगार तू ——————————- हरी-भरी वसुंधरा,…

डॉ अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज” की कविता.. चाँदनी में उद्विग्नता

डॉ अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज” देहरादून, उत्तराखंड ————————————————- चाँदनी में उद्विग्नता ———————————– रात जब भी…

युवा कवि बृजपाल रावत कविराज की एक ग़ज़ल.. रुख़्तसर होते रिश्ते ये ज़ुबानी कैसी है

बृजपाल सिंह (कविराज) देहरादून, उत्तराखंड —————————————— रुख़्तसर होते रिश्ते ये ज़ुबानी कैसी है हरेक ज़ुबान…

फागुन की उमंग पर कवि/गीतकार वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” का एक छंद

वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड —————————————– छंद…. घनाक्षरी धरती धवल हुई, उमंगें नवल हुई उम्मीदें…

कवि जसवीर सिंह हलधर की ग़ज़ल… सभ्यता लौटी नहीं अब तक फिरंगी झील से..

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ——————————————- ग़ज़ल (हिंदी) ————————– सभ्यता लौटी नहीं अब तक फिरंगी…