कवियित्री तारा पाठक की लोरी: मेरी गुड़िया रानी का, प्यारा सा झूला होगा.. फूलों का हिंडोला होगा..
तारा पाठक
कवियित्री/समाजसेविका
वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र
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लोरी
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मेरी गुड़िया रानी का
प्यारा सा झूला होगा।
फूलों का हिंडोला होगा।
कलियों का श्रृंगार करेगी।
भँवरे सा गुंजार करेगी।
झिलमिल नैंनों की ज्योति है।
अधरों संग खिलते दो मोती हैं।
ठुमक-ठुमक मेरे अँगना में
छोटे-छोटे कदम धरेगी।
सुमन परी के पंख लगाकर
आसमान की सैर करेगी।
तारों का खिलौना होगा।
चंदा का बिछौना होगा।
मेरी गुड़िया रानी का
प्यारा सा झूला होगा।
फूलों का हिंडोला होगा।
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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..21/11/2020
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