मुंबई महाराष्ट्र से तारा पाठक की बाल कविता… उल्लू क्यों जागता है
तारा पाठक
वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र
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उल्लू क्यों जागता है
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जंगल में खुली पाठशाला
सब जाने लगे स्कूल।
टीचर जो भी पाठ पढ़ाती
उल्लू जाता भूल।
शोख़ हिरनियां, नटखट बंदर
उसकी हँसी उड़ाते।
रट्टू तोता, भगत बगूला
लप-लप जीभ चिढ़ाते।
ठेस लगी मन में उल्लू के
पढ़ने की उसने ठानी।
तब से प्रचलित हुई जगत में
उल्लू की कहानी।
बड़ी लगन से पढ़ता है वह
आँखों में रात बिताता है।
जब बच्चे जाते पाठशाला
तब उल्लू सो जाता है।
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सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रकाशित…..23/02/2021
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