गुरुजी दो सप्ताह में बताएं अपनी योग्यता, नहीं तो जाएगी नौकरी
-नैनीताल हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय को दिए दिए हैं निर्देश, शिक्षकों के शैक्षिक व प्रशिक्षण प्रमाणपत्रों की जांच कर कोर्ट को दे रिपोर्ट
-स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसायटी की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दिए आदेश
-कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय आया हरकत में। शिक्षकों को प्रमाण पत्र जमा करने को कहा। सभी शिक्षक अपने प्रमाण पत्रों की स्व प्रमाणित कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कराएंगे जमा।
-प्रमाण पत्र 20 अक्टूबर तक कराने होंगे जमा, प्रमाण पत्र जमा न कराने वाले शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
देहरादून। सूबे के विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त कार्रवाई को कहा है। कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय से प्राथमिक व जूनियर शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सत्यता तलब की है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय हरकत में आ गया है। प्राथमिक व जूनियर शिक्षकों को 20 अक्टूबर तक अपने शैक्षिक व प्रशिक्षण प्रमाणपत्र को स्व प्रमाणित कर जमा करने को कहा गया है। शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रमाण पत्र जमा करवाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारी 22 अक्टूबर पर प्रमाण पत्र निदेशालय को देंगे। उसके बाद उन्हें कोर्ट में जमा करवाया जाएगा। जो शिक्षक प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाएंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई
उत्तराखंड में कई शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कई के खिलाफ कार्रवाई हुई है तो कुछ के खिलाफ जांच चल रही है। लेकिन, जांच की रफ्तार बहुत ही धीमी है। वहीं, अधिकारियों पर फर्जीवाड़े में फंसे शिक्षकों को बचाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उसी पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जांच जल्द से जल्द करने को कहा है।
शिक्षकों के स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र जमा करवाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। तय समय में प्राथमिक व जूनियर के सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र जमा करने होंगे। विभाग कोर्ट में उनकी जानकारी देगा।
आरके कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, उत्तराखंड