शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की तरह मिले उपार्जित अवकाश.. तो फिर किसी अवकाश की नहीं जरूरत : सरियाल
-शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश पर मचे बवाल व विभाग के अवकाश खत्म किए जाने के निर्णय पर बोले राजकीय शिक्षक संघ ने टिहरी जिलाध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल।
देहरादून (dehradun)। शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश (winter vacation) पर कैंची चलाने का राजकीय शिक्षक संघ (Rajkiya shikshak Sangh) ने कड़ा विरोध किया है। संघ के जनपद टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) के अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल (district president Shyam Singh sariyal) ने कहा कि शिक्षकों की प्रत्येक मामले में टांग खिंचाई की जा रही है। यह शिक्षकों के साथ ही शिक्षा का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की उपार्जित अवकाश दिए जाएं फिर शिक्षकों को भी किसी अवकाश की जरूरत नहीं रहेगी।
सरियाल (sariyal) ने कहा कि जनपद के शिक्षक लगातार कोरोना महामारी से लेकर अब तक छात्रहित को देखते हुए ठोस कदम उठा रहे हैं। आगामी शीतकालीन अवकाश (winter vacation) को समाप्त किए जाने का निर्णय विभाग (department) की ओर से लिया जा रहा है। जनपद टिहरी की कार्यकारिणी उसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य कर्मचारियों को भी एक जनवरी से 30 जून तक 16 दिन और एक जुलाई से लेकर 31 दिसंबर तक 15 दिन का उपार्जित अवकाश मिलता है। वही उपार्जित अवकाश हमारे पूर्व मांग पत्र में था, उसी को अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी दिया जाए फिर अन्य अवकाश की जरूरत नहीं रहेगी।
शिक्षक निभा रहे हैं अपना धर्म, देशभक्ति के नाम पर नहीं होना चाहिए शोषण
सरियाल ने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ जनपद टिहरी की ओर से जनपद के सभी शिक्षक साथियों के सहयोग से मुख्यमंत्री राहत कोष (cm fund) में 9,00,000 (नौ लाख रुपए) महामारी से लड़ने के लिए प्रदेश सरकार को भेंट (donation) किया गया। उसके अलावा जनपद के तमाम शिक्षकों ने छह-सात माह तक एक दिन का वेतन (salary) कटवा कर भी सरकार का सहयोग किया। महामारी से लड़ने के लिए प्रदेश व देश के साथ जनपद का शिक्षक खड़ा रहा है। शिक्षकों में भी देशभक्ति की कोई कमी नहीं है। शिक्षक लगातार देश सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी में ऑनलाइन पढ़ाई से लेकर कोरोना महामारी ड्यूटी से लेकर तमाम तरह की सभी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों का देशभक्ति के नाम पर शोषण नहीं किया जाना चाहिए।