कश्मीर में मारे गए आतंकी इदरीश अहमद डार के साथ जुड़ा देहरादून का नाम
-दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में दो दिन पहले सुरक्षा बलों ने लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से एक इदरीश अहमद डार भी था। देहरादून स्थित एक इंस्टीट्यूट से इदरीश अहमद ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी। इदरीश दो दिन पहले कश्मीर में मारा गया, खुफिया विभाग इंस्टीट्यूट के बारे में पता कर रहा है।
कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आतंकी के साथ फिर देहरादून का नाम जुड़ा है। दो दिन पहले मारे गए इदरीश ने देहरादून के एक इंस्टीट्यूट से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी। पुलिस और खुफिया विभाग इस इंस्टीट्यूट का पता लगाने में जुट गए हैं ताकि उसके साथियों से भी बात की जा सके। पुलिस ने कश्मीरी युवाओं से भी बातचीत की है। हालांकि, अभी तक उसके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में दो दिन पहले सुरक्षा बलों ने लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से एक इदरीश अहमद डार भी था। वह गत 6 अप्रैल को ही आतंकी बना था। श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने बताया था कि वह देहरादून के एक इंस्टीट्यूट से होटल मैनेजमेंट कर चुका है। इंटेलीजेंस विभाग इस इंस्टीट्यूट के बारे में पता कर रहा है।
इंस्टीट्यूट के बारे में जानकारी के लिए दो टीमें लगाई गई हैं। यहां रह रहे कश्मीर के युवाओं से जानकारी जुटाई जा रही है। दो दिन में इदरीश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। अधिकारियों के मुताबिक उसके बारे में पता चल जाता है तो, उसके साथियों से भी बात कर सकते हैं ताकि वह क्या बातें करता था, किसके संपर्क में रहता था, किसे अपना आदर्श मानता था आदि पता लग सके।
पाकिस्तान को अपना मुल्क मानता था शोएब अहमद
अक्तूबर 2018 में शोएब अहमद लोन नाम का बीएससी आईटी का छात्र आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था। वह देहरादून से पढ़ाई कर रहा था। सोशल मीडिया पर उसकी मां ने उससे घर लौटने की गुहार लगाई, तब इंस्टीट्यूट को इस बारे में पता चला। इंस्टीट्यूट ने उसे निलंबित कर दिया था। उसके अन्य साथियों से भी पूछताछ की गई थी। पता चला था कि वह अपने कमरे में अकेला रहता था और पाकिस्तान को अपना मुल्क मानता था।
सेना के विरोध में डाले थे आपत्तिजनक पोस्ट
वर्ष 2020 में कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद देहरादून की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कश्मीर के तीन छात्रों पर कार्रवाई हुई थी। इन छात्रों ने सोशल मीडिया पर सेना के विरोध में आपत्तिजनक पोस्ट डाले थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी इन छात्रों से पूछताछ की थी।