उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, सुप्रीम कोर्ट की बहुमत परीक्षण को हरी झंडी
-सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि हम कल के फ्लोर टेस्ट को नहीं नहीं रोक रहे हैं। राज्यपाल द्वारा दिया गया बहुमत परीक्षण का आदेश जारी रहेगा। इस आदेश के बाद सीएम उद्धव ठाकरे के बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा देने के कयास लग रहे थे। उद्धव ठाकरे ने आज कैबिनेट बैठक कर सहयोगियों का आभार जताया था। इसके बाद से उनके इस्तीफा देने की संभावना जताई जाने लगी थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल का बहुमत परीक्षण का फैसला बरकरार रखने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता छोड़ने की भी घोषणा की। फेसबुक के जरिए दिए संबोधन में उद्धव का दर्द साफ नजर आया। उन्होंने कहा कि जिन्हें कुछ भी नहीं दिया, उन्होंने साथ दिया। कांग्रेस-एनसीपी ने हमारा साथ दिया। लेकिन, जिनको मैंने दिया, वो नाराज हैं।
अदालत के आदेश के साथ ही एमवीए सरकार की विदाई तय हो गई थी। सीएम उद्धव ठाकरे इसे लेकर फेसबुक लाइव के जरिए सामने आए और अपनी बात लोगों के सामने रखी। इससे पहले उन्होंने आज कैबिनेट बैठक कर सहयोगियों का आभार जताया था। इसके बाद से ही उनके इस्तीफा देने की संभावना जताई जाने लगी थी।
उद्धव ठाकरे ने कहा
-मैं अप्रत्याशित तरीके से (सत्ता में) आया था और मैं इसी तरह बाहर जा रहा हूं। मैं हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं, मैं यहां रहूंगा, और मैं एक बार फिर शिवसेना भवन में बैठूंगा। मैं अपने सभी लोगों को इकट्ठा करूंगा। मैं मुख्यमंत्री और एमएलसी पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं वहां पर गया जहां मुझे जाना नहीं था।
-आपकी नाराजगी किस बात की है, गुवाहाटी और सूरत जाने की बजाय मुझे बताएं। मैंने हमेशा आपकी भावनाओं का सम्मान किया है। मैं मीडिया में बात करूंगा और आप उसका जवाब देंगे, इसका क्या मतलब है।
-मुझे पता लगा है कि मुंबई में बंदोबस्त करने के लिए केंद्र ने सुरक्षाकर्मी भेजे हैं। मैं नहीं चाहता कि शिव सैनिकों का खूब बहे, नहीं चाहता कि शिव सैनिक सड़कों पर उतरें।
-मैं संतुष्ट हूं कि हमने आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है। ये बालासाहेब ठाकरे द्वारा नामित शहर हैं।
-मैं एनसीपी और कांग्रेस का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया। शिवसेना, अनिल परब, सुभाष देसाई और आदित्य ठाकरे की तरफ से ये लोग तब मौजूद थे जब प्रस्ताव पास हुआ था। जबकि, एनसीपी/कांग्रेस के लोगों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
-किसके पास कितनी संख्या मुझे इससे मतलब नहीं, कल शायद वो बहुमत साबित कर दें। मुझे मुख्यमंत्री पद छोड़ने का कोई दुख नहीं।
-हमने किसानों का कर्ज माफ किया है।