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उद्धव ठाकरे कर सकते हैं द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, बगावत से बचने को मिलाएंगे सांसदों के सुर में सुर?

-शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की तरफ से सोमवार को राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई गई थी। खबर है कि इनमें अधिकांश ने राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू के समर्थन करने की इच्छा जताई है। पार्टी सुप्रीमो ने भी कुछ दिनों में अपना फैसला बताने की बात कही है। ठाकरे इस बात का आकलन भी कर रहे हैं कि मुर्मू का समर्थन करने पर महाविकास अघाड़ी के दलों की क्या प्रतिक्रिया होगी। एमवीए में कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टी समेत कई दल शामिल हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर फैसला नहीं लिया है। हालांकि, संभावनाएं जताई जा रही हैं कि ठाकरे पार्टी में एक और फूट से बचने के लिए NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जा सकते हैं। खबर आई थी कि शिवसेना सांसद मुर्मू का समर्थन करना चाहते हैं। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। विपक्ष की तरफ से यशवंत सिंह उम्मीदवार हैं।

सोमवार को ठाकरे की तरफ से उम्मीदवार पर मंथन को लेकर राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई गई थी। खबर है कि अधिकांश ने मुर्मू के समर्थन की इच्छा जताई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके कुछ करीबी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करना चाहते हैं। लेकिन, शिवसेना नेतृत्व का झुकाव पार्टी में एक और बगावत रोकना है।

करीब एक दर्जन सांसदों ने कहा है कि अगर पार्टी मुर्मू का समर्थन करे तो बेहतर होगा। क्योंकि, वह महिला हैं और आदिवासी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ सांसदों ने यह भी कहा है कि उनकी उम्मीदवारी के समर्थन से भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन का रास्ता तैयार हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि उन्हें अपनी खुद की और सांसदों की आवाज सुननी चाहिए। अगर वे कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो सांसदों में भी फूट पड़ सकती है। लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसद हैं। कहा जा रहा है कि सोमवार को हुए मंथन के बाद सांसदों ने ठाकरे पर ही फैसला छोड़ दिया है। पार्टी सुप्रीमो ने भी कुछ दिनों में अपना फैसला बताने की बात कही है।

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