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यूक्रेन-रूस युद्ध: उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं ने बंकर में ली शरण

-रुद्रप्रयाग जिले से चार छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस के प्रथम, तृतीय व चतुर्थ वर्ष में पढ़ रहे हैं। फलई गांव की अवंतिका, नागजगई के उत्कर्ष शुक्ला, ऊखीमठ की लिपाक्षी कुंवर और अगस्त्यमुनि के अंकित चंद्र के माता-पिता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही अवंतिका (फलई गांव, रुद्रप्रयाग) सहित 300 से अधिक छात्र-छात्राएं बंकर में शरण लिए हुए हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान भी सीमित है। अवंतिका ने वीडियो कॉल के जरिए माता-पिता से बात कर वहां के हालात बताए। रुद्रप्रयाग जिले से चार छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस के प्रथम, तृतीय व चतुर्थ वर्ष में पढ़ रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से वहां पढ़ रहे बच्चों के लेकर माता-पिता परेशान हैं।

चतुर्थ वर्ष की छात्रा व फलई गांव निवासी अवंतिका ने शनिवार सुबह 9 और 4 बजे अपनी मां रचना भट्ट से वीडियो कॉल से बात की। अवंतिका ने एक वीडियो भी मां को भेजा, जिससे पता चल रहा है कि ये बच्चे बंकर में कैसे रह रहे हैं। रचना भट्ट ने बेटी अवंतिका व उसकी सहेलियों के हवाले से बताया कि बंकर में रह रहे छात्र-छात्राओं से अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है।

बच्चों के पास भोजन सामग्री भी सीमित

छात्राओं ने बताया कि वहां के हालात ठीक नहीं हैं और वह ज्यादा दिनों तक ऐसे नहीं रह पाएंगे। उनके पास अब भोजन सामग्री भी सीमित रह गई है। कुछ चिप्स, बिस्कुट और बोतलबंद पानी ही है। उन्होंने बताया कि सभी छात्र-छात्राएं स्वयं ही बॉर्डर पार करने की सोच रहे थे। लेकिन, फिर दोपहर को कुछ लोगों को सुरक्षा बलों ने बीच में रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपना विचार बदल दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार

नागजगई के उत्कर्ष शुक्ला, ऊखीमठ की लिपाक्षी कुंवर और अगस्त्यमुनि के अंकित चंद्र के माता-पिता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है। लिपाक्षी की माता सुधा कुंवर ने दोपहर को अपनी बेटी से वीडियो कॉलिंग पर बात की। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे भयभीत हो रखे हैं। परिजनों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्हें भरोसा है।

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