ऑपरेशन गंगा: 800 भारतीयों को लेकर आ रहे वायुसेना के ग्लोबमास्टर विमान, अब तक लौटे 3352 लोग
-अगले 24 घंटे में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के माध्यम से भारतीयों को लेकर 15 विमान लौटेंगे। अब तक 3,352 भारतीय वापस आ चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, वायुसेना के चार सी-17 विमान बुडापेस्ट (हंगरी), बुखारेस्ट (रोमानिया) व रेजेजॉ (पोलैंड) से गुरुवार सुबह 8:30 बजे तक आ जाएंगे।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। रूस-यूक्रेन की जंग में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया गया है। वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान तीन देशों से आठ सौ भारतीयों को लेकर लौट रहे हैं। पहला विमान बुधवार देर रात 1ः30 बजे हिंडन वायुसेना स्टेशन पहुंच गया। एक अन्य भारतीय वायुसेना का C-17 विमान 220 भारतीय यात्रियों को लेकर गुरुवार सुबह हिंडन एयरपोर्ट पहुंच गया है। ये सभी भारतीय नागरिक हंगरी के बुडापेस्ट से लाए गए हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यूक्रेन से आने वाले भारतीय नागरिकों के साथ बातचीत की।
अगले 24 घंटे में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के माध्यम से भारतीयों को लेकर 15 विमान लौटेंगे। अब तक 3,352 भारतीय वापस आ चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, वायुसेना के चार सी-17 विमान बुडापेस्ट (हंगरी), बुखारेस्ट (रोमानिया) व रेजेजॉ (पोलैंड) से बृहस्पतिवार सुबह 8:30 बजे तक आ जाएंगे। कई अन्य उड़ानें भी रवाना हो चुकी हैं।
विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बताया, यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीयों में से 6,000 को अब तक स्वदेश लाया जा चुका है। समन्वय के लिए भेजे गए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पोलैंड, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया, हरदीप पुरी हंगरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया/माल्दोवा पहुंचे हुए हैं।
पंजाब के छात्र की मौत
यूक्रेन में लगातार दूसरे दिन एक और भारतीय छात्र की मौत हो गई। ब्रेन स्ट्रोक के बाद पंजाब के बरनाला निवासी चंदन जिंदल ने दम तोड़ दिया। चंदन को दो फरवरी को हार्टअटैक आया था। उसके दिमाग में खून के थक्के जम गए। डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया। लेकिन, वह कोमा में चला गया। उसके पिता शीशन कुमार जिंदल भी यूक्रेन में ही हैं।
सैकड़ों छात्र यूक्रेन सीमा तक पहुंचाए
यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को महज एक घंटे में दो एडवाइजरी जारी कर छात्रों को तत्काल खारकीव छोड़ने की सलाह दी। दोनों एडवाइजरी रूस से मिले इनपुट के आधार पर जारी की गई। सैकड़ों छात्र सुरक्षित गलियारे से यूक्रेन सीमा तक पहुंचाए गए।