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उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड: 20 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों का विवाद सुलझा

-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 15 दिनों में सभी लम्बित मामलों का निस्तारण हो जाएगा। सीएम योगी ने बहुत शांति से सभी बात सुनी हैं। बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति बनी है। 

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच सालों से चल रहा परिसंपत्तियों का विवाद सुलझ गया है। लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। वार्ता के दौरान परिसंपत्ति विवाद पर सहमति बन गई। इतना ही नहीं दोनों सरकारों के बीच सभी विवादों पर भी सहमति बनी। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच वन विभाग, सिंचाई विभाग और परिवहन विभाग सहित विभिन्न विभागों की 20 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों का विवाद सुलझा लिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के संबंध में बैठक की। इस अवसर दोनों राज्यों के परस्पर हितों को ध्यान में रखते हुए चर्चा हुई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा।

किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जायेगा। वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को किया जायेगा। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई। गुरुवार को बैठक में सभी प्रकरणों पर सहमति बनी है। 21 सालों से जो प्रकरण लंबित चल रहे थे, उनका निस्तारण किया गया। कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जायेगा।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, सभी मांगों पर सहमति बन गई है। सभी मामले जल्द ही निस्तारित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड दोनों राज्य का आपस में बड़े व छोटे भाई का सबंध है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, उत्तराखण्ड से सचिव रंजीत सिन्हा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन व उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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