कैबिनेट की मंजूरी : सरकारी विभागों के ठेकों में स्थानीय व्यक्तियों को मिलेगी प्राथमिकता

राज्य सचिवालय में सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। योग नीति और कर्मचारियों, पेंशनरों व उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज के लिए नई व्यवस्था को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सचिव मंत्रिपरिषद शैलेश बगौली ने फैसलों की जानकारी दी।
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। धामी सरकार सरकारी विभागों के ठेकों और उत्पादों की खरीद में स्थानीय व्यक्तियों और पंजीकृत फर्मों, स्वयं सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्राथमिकता देगी। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 10 करोड़ रुपये तक की लागत के कार्य स्थानीय व्यक्तियों या स्थानीय पंजीकृत फर्मों के माध्यम से कराए जाएंगे। अभी तक यह सीमा पांच करोड़ रुपये तक है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। साथ ही उत्तराखंड को योग व वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए देश की पहली योग नीति 2025 को भी मंजूरी दे दी गई है। नीति के तहत राज्य में योग और वेलनेस केंद्रों में निवेश पर अनुदान देगी। बड़े उद्यमियों को राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए कैबिनेट ने मेगा इंडस्ट्री और इन्वेस्टमेंट नीति को भी मंजूरी दी है। राज्य सचिवालय में सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। सचिव मंत्रिपरिषद शैलेश बगौली ने फैसलों की जानकारी दी।
झील क्षेत्र को योग हब के तौर पर विकसित करेगी सरकार
राज्य सरकार 2030 तक के लिए मंजूर योग नीति के तहत जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी और कोली ढेक झील क्षेत्र को योग हब के तौर पर विकसित करेगी। सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में योग और वेलनेस केंद्र में निवेश पर 50 प्रतिशत और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। राज्य में खोले जाने वाले योग व ध्यान केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। 300 से अधिक आयुष, हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों में योग शुरू होगा। योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय बनेगा। योग, ध्यान और प्राकृत चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के लिए एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है,जो शोध करने पर अनुदान के रूप में दी जाए। नीति के तहत राज्य में करीब 13,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। 2500 योग शिक्षकों के लिए योगा सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे। 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल आदि में रोजगार मिलने की संभावना है।
बड़े उद्योगों लगाने पर अनुदान, देना होगा स्थायी रोजगार
सरकार राज्य में मेगा पॉलिसी के तहत बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए लार्ज इंडस्ट्री को 10, अल्ट्रा लार्ज को 12, मेगा को 15 और अल्ट्रा मेगा इंडस्ट्री को 20 प्रतिशत तक अनुदान देगी। यह क्रमश: आठ, 10, 12 तथा 15 वर्षों में उद्यमों को वाणिज्यिक उत्पादन में आने के बाद वार्षिक किस्तों में दिया जाएगा। साथ ही भूमि खरीद की लीज डीज पर लागू स्टाम्प डयूटी में 50 प्रतिशत जो 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होगा, की प्रतिपूर्ति भी करेगी। नीति जारी होने की तिथि से प्रभावी होकर पांच साल तक लागू रहेगी। पहाड़ में बड़े उद्योग लगाने पर श्रेणी ए में दो और बी में एक प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान देगी। इन उद्योगों को स्थायी रोजगार भी देना होगा।
विकसित क्षेत्रों की सब्सिडी बंद
कैबिनेट सेवा क्षेत्र नीति में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य के देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, मुनि की रेती व नैनीताल सरीखे विकसित क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र में निवेश पर नीति के तहत सब्सिडी नहीं मिलेगी।
कर्मचारियों के इलाज में नहीं आएगी कठिनाई
राज्य आयुष्मान योजना के तहत राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के गोल्डन कार्ड पर बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कर्मचारियों के इलाज में अब कठिनाई नहीं आएगी। कैबिनेट ने लंबित बिलों के भुगतान के लिए 75 करोड़ रुपये की पहली किस्त का प्रावधान कर दिया है। इस धनराशि स्वास्थ्य विभाग को ऋण के रूप में दी जाएगी।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के तीमारदारों को मिलेगी सुविधा
कैबिनेट ने राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व हल्द्वानी के समीप रोगियों के तीमारदारों के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विश्रामगृह बनाने को मंजूरी दी। इसके लिए सरकार भूमि उपलब्ध कराएगी। यहां न्यूनतम दरों पर आवास और भोजन की सुविधा मिलेगी।
कैबिनेट में इनको भी मंजूरी
-मिथाइल एल्कोहॉल अब विष की श्रेणी में होगा। कैबिनेट ने उत्तराखंड विष (कब्जा और विक्रय) नियमावली में यह प्रावधान कर दिया है।
-राज्य बांध सुरक्षा संगठन तैयार वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24 को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी।
-2019 से पूर्व नियुक्त हुए सहायक लेखाकार व लेखाकारों की वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कैबिनेट ने पुरानी सेवा नियमावली लागू करने की मंजूरी दी।
-उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के ढांचें में 11 अतिरिक्त पद सृजित करने को भी मंजूरी।
-उत्तराखंड निबंधन लिपिक वर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावली, 2025 के प्रस्ताव पर भी लगी मुहर।