उत्तराखंड में अब ऑनलाइन लिखी जाएगी अधिकारियों की एसीआर
उत्तराखंड में एसीआर की नई व्यवस्था की गई लागू। पीसीएस अफसरों से इसकी शुरूआत होगी। मुख्य सचिव डॉ संधू ने निर्देश जारी किए हैं कि वर्ष 2021-22 से सभी विभाग अपने अधिकारियों की एसीआर ऑनलाइन लिखेंगे।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। उत्तराखंड में अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) अब ऑनलाइन माध्यम से लिखी जाएगी। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ ही ऑनलाइन एसीआर फॉर्मेट भी जारी किया है। विभाग अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें बदलाव कर सकेंगे। नई व्यवस्था की शुरुआत पीसीएस अधिकारियों से की जाएगी।
मुख्य सचिव डॉ संधू बे बताया कि वर्ष 2021-22 से सभी विभाग अपने अधिकारियों की एसीआर ऑनलाइन लिखेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस व्यवस्था को मॉडल के रूप में राज्य के पीसीएस अधिकारियों के लिए लागू किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग विभागीय आवश्यकता के अनुसार प्रारूप को जरूरत के हिसाब से बदलाव करते हुए लागू करें। उन्होंने कहा कि इससे एसीआर लिखने की प्रक्रिया को निर्धारित समय में पूरा किया जा सकेगा। विभागों की ओर से इस पहल के क्रियान्वयन की मुख्य सचिव लगातार समीक्षा भी करेंगे।
मुख्य सचिव के निर्देश के तहत सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी ने उत्तराखंड प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि आईएफएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन करने के निर्देेश दिए। ह्यांकी ने बताया कि प्रशासकीय, कार्मिक विभाग की ओर से ऑनलाइन मूलभूत सूचनाएं निर्गत करने की अंतिम तिथि 31 मई और संबंधित अधिकारी की ओर से स्वमूल्यांकन आख्या अंकित करने की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित है। प्रतिवेदक प्राधिकारी की ओर से मन्तव्य अंकित करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई और स्वीकर्ता प्राधिकारी की ओर से मन्तव्य अंकित करने की तिथि 30 सितंबर तय की गई है। साथ ही संबंधित अधिकारी को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि संसूचित किए जाने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर तय की गई है।
सचिव ह्यांकी ने बताया कि अगर संबंधित अधिकारी की ओर से स्वमूल्यांकन आख्या निर्धारित समयावधि में अंकित नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति में वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि पोर्टल खुद ही प्रतिवेदक अधिकारी को और समीक्षक व स्वीकर्ता प्राधिकारी को भी निर्धारित समय सारणी के बाद खुद ही पोर्टल अग्रसारित कर देगा। प्रत्येक स्तर पर निर्धारित समय-सीमा के तहत संबंधित अधिकारी की एसीआर से संबंधित कार्रवाई जरूरी होगी।