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उत्तराखंड में मौसम: बारिश/बर्फबारी में बढ़ी ठंड, हाईवे सहित चार एनएच व 53 सड़कें बंद

-लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केपी उप्रेती ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के लिए 61 मशीनों को तैनात किया गया है। राज्य में 16 सड़कें पहले से बंद थी। जबकि, 37 सड़कें सोमवार को बंद हुई हैं। बंद सड़कों पर भारी मात्रा में बर्फ जमा होने की वजह से उन्हें खोलने में दिक्कत आ रही है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। उत्तराखंड में लगातार बारिश/बर्फबारी के बाद पहाड़ से लेकर मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई है। जबकि, गंगोत्री-यमुनोत्री सहित चार नेशनल हाईवे व स्थानीय सड़कें बंद हो गई है। इससे जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। नोडल एजेंसी की ओर से बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है। लेकिन, लगातार हो रही बारिश से बंद सड़कों को खाेलने में भारी परेशनी हो रही है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार राज्य में बारिश/बर्फबारी के कारण 53 प्रमुख सड़कें बंद हैं। इनमें चार राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही 15 राज्य मार्ग शामिल हैं।

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केपी उप्रेती ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के लिए 61 मशीन तैनात की गई है। राज्य में 16 सड़कें पहले से बंद थी। जबकि, 37 सड़कें सोमवार को बंद हुई हैं। बंद सड़कों पर भारी मात्रा में बर्फ जमा होने से उन्हें खोलने में दिक्कत आ रही है।

उत्तरकाशी में तीन दिन से हो रही बारिश/बर्फबारी

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिन से बारिश/बर्फबारी का सिलसिला जारी है। बर्फबारी के चलते जनपद के 60 से अधिक गांवों का जिला/तहसील मुख्यालय से संपर्क कट चुका है। गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर 25 किमी से ज्यादा हिस्से पर बर्फबारी के कारण यातायात ठप है। इसके साथ ही दर्जनभर से अधिक लिंक मार्ग अवरुद्ध होने से ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ गई हैं।

गंगोत्री-यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, जानकी चट्टी, रैथल, बार्सू, गंगनानी, जखोली, सांकरी आदि जगह बर्फबारी से ढक गए हैं। गंगोत्री हाईवे सुक्खी टॉप से आगे गंगोत्री तक बर्फबारी के कारण यातायात के लिए पूरी तरह बाधित है। यमुनोत्री हाईवे राडी टॉप पर बस फंसने के कारण आवाजाही के लिए बाधित हो गया। हनुमानचट्टी से स्यानाचट्टी तक बर्फबारी के कारण हाईवे ठप है। उत्तरकाशी से लंबगांव श्रीनगर मार्ग चौरंगी के आसपास बंद है। बर्फबारी के कारण सुदूरवर्ती मोरी क्षेत्र के 42 गांव और पुरोला-भटवाड़ी ब्लॉक के लगभग 20 गांव जिला मुख्यालय से कट चुके हैं।

पिथौरागढ़ में बर्फबारी से थल-मुनस्यारी सड़क बंद

बर्फबारी से पिथौरागढ़ की प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क बंद है। आवाजाही ठप रहने से हिमनगरी सहित आसपास की करीब 30 हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हिमनगरी व उसके आसपास के इलाकों में बर्फबारी जारी है। बीते रविवार रात यहां जमकर हिमपात हुआ, सड़क पर बर्फ की 6 से 8 इंच मोटी चादर बिछने से हिमनगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क बंद हो गई। कालामुनी, बलाती, पातलथौड़ सहित विभिन्न हिस्सों में कई पर्यटक, यात्री व माल वाहक वाहन फंसे रहे। बर्फबारी के बीच पर्यटकों व यात्रियों को वाहनों में बैठकर पूरे दिन सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा।

बर्फबारी से पौड़ी की कई सड़कें बंद

सोमवार को भी बारिश/बर्फबारी से पौड़ी जिले के थलीसैंण-चौंरीखाल-चिपलघाट, संतुधार-चौबटटाखाल-चौंरीखाल मोटरमार्ग सुबह के वक्त बंद हो गए थे। बर्फ हटाने पर दोपहर बाद इन मार्गो को आवाजाही के लिए खोला जा सका। बर्फ से अवरुद्व थलीसैंण- बूंगीधार- जानल-मनिला मोटरमार्ग के अलावा मरचूला-सराईखेत-बैंजरों-पोखड़ा-सतपुली मोटर मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई थी।

बर्फबारी से जौनसार-बावर में आठ मार्ग बंद

जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में हुई बर्फबारी से पर्यटकों की आमद बढ़ी है। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। बर्फबारी प्रभावित लोखंडी, जाड़ी, लोहारी, मुंगाड, उदांवा, बुरायला, जगथान, बायला, सैंज, कुनैन, कोटी-कनासर, मशक, अमराड़, जबराड़, पुनिग, बिनसोन, गोरछा, रजाणू, पिगुवा, ठारठा, बुल्हाड़, बेगी, बागनी, कुताड़, खरोड़ा और शिलगांव खत व मोहन खत से जुड़े करीब 60 गांवों की आबादी घरों में कैद होकर रह गई।दारागाड-कथियान मोटर मार्ग का दस किमी हिस्सा बफबारी से बंद हो गया है। इसके साथ ही चकराता-त्यूणी मोटर मार्ग, चकराता-लाखामंडल मोटर मार्ग, कथियान-डांगूठा मोटर मार्ग, गौराघाटी-मानथात, खारसी मार्ग, कोटी-कनासर, बौराड़ मार्ग, रिखाड़- बिसोई मार्ग बंद हो गए हैं।

तीन फुट बर्फ जमने से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप

त्यूणी क्षेत्र के ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में एक से तीन फुट बर्फ जमने से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ गई। ऐसे में लोग बर्फ को पिघलकर किसी तरह गुजारा चला रहे हैं। जौनसार में सोमवार से शुरू होने वाले परंपरागत माघ-मरोज पर्व के लिए कई ग्रामीण परिवार बाजार से घर का जरूरी सामान नहीं ला पा रहे। इसके अलावा ग्रामीण पशुपालकों के सामने जंगल से चारापत्ती लाने की समस्या अलग से खड़ी हो गई।

गरुड़ छह वा कपकोट में 2.5 एमएम बारिश

बागेश्वर जिले में पिछले छह दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। रविवार की रातभर जिले में बारिश होती रही। जबकि, कपकोट उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से गांव लकदक हैं। बारिश/बर्फबारी के कारण रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग किमी 29, 30, 31 तथा 32 में मलबा आने से बंद है। इससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। तहसील प्रशासन ने लोनिवि को मार्ग खोलने के निर्देश दे दिए हैं। मलबा आने से रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग बंद है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि जिले में कहीं से भी आपदा की कोई सूचना अभी तक नहीं है। बंद मार्ग खोलने के लिए जेसीबी भेजी गई हैं। बागेश्वर ब्लॉक में 2.5, गरुड़ छह वा कपकोट में 2.5 एमएम बारिश हुई है।

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