अंतर धार्मिक विवाह पर रुपया देना बंद करे उत्तराखंड सरकार, ऐसी शादियों पर लगे रोक
-उत्तराखंड नवनिर्माण सेना का धर्मांतरण कानून/अंतर धार्मिक विवाह पर सख्त रुख
-धर्मांतरण कानून/अंतर धार्मिक विवाह
पर रोक लगाने की मांग, जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
देहरादून। उत्तराखंड नवनिर्माण सेना (उनसे) ने धर्मांतरण कानून/अंतर धार्मिक विवाहों पर सख्त रुख अख्तियार किया है। सेना की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड में अंतर धार्मिक विवाह पर रुपया देना (प्रोत्साहन राशि) सरकार तत्काल बंद करे। सेना ने सोमवार को अंतर धार्मिक विवाहों पर उत्तराखंड में रोक लगाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा है।
उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के संस्थापक सदस्य व प्रदेश महासचिव
सुशील कुमार ने कहा कि देवों व ऋषि मुनियों की इस पावन भूमि/तपस्थली उत्तराखंड भी वर्तमान में धार्मिक अतिक्रमण की जद में है। देवभूमि उत्तराखंड सनातन धर्म/संस्कृति का उद्गम स्थल है I मोक्षदायनी माँ गंगा-यमुना राज्य ही नहीं संपूर्ण भारतवर्ष को पवित्र करती हैं। ऐसे राज्य में अंतर धार्मिक विवाह के लिए रुपया दिया जाना शर्मनाक है। उत्तराखंड सरकार तत्कल इस अनैतिक कार्य पर रोक लगाए। ज्ञापन देने वालों में बिलास गौड़, सुशील कुमार, दीपक गैरोला, सतीश सकलानी, बिजेंद्र रावत, बिजेंद्र बिष्ट, हरीश थपलियाल, शीशपाल बिष्ट, जगदीश चंद्र पांडेय, अनामिका, सोनल आदि शामिल थे।
उत्तराखंड नाव निर्माण सेना की यह है मांगे
राज्य में लागू धर्मांतरण सम्बन्धी कानून को और सशक्त किया जाए। उसके पालन के लिए व लोगों को उसकी जानकारी देने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार किया जाय
-राज्य सरकार की ओर से अंतर जातीय/अंतर धार्मिक विवाह के लिए दिए जाने वाले अनुदान को तत्काल निरस्त किया जाय
-किसी भी अंतर धार्मिक विवाह की दशा कारणों की जाँच हो और रोक लगे
-राज्य की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकारी जमीन पर अवैध और विगत 20 वर्ष में हुए धार्मिक निर्माणों को हटाया जाय। साथ ही नव निर्माण पर त्वरित रोक लगाई जाए
-राज्य में गत वर्षों में गुमशुदा लड़कियों की गंभीरता से खोज की जाए व इनके पीछे के कारणों की जाँच की जाए