उत्तराखंड की नई पर्यटन नीति को मिली मंजूरी, निवेश बढ़ाने को 100 प्रतिशत सब्सिडी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 7 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। वहीं, एक प्रस्ताव स्थगित हुआ है।
उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य की नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी है। सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करने वालों को सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। गौरतलब है कि 2018 की पर्यटन नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर 10 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था।
भराड़ीसैंण में गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षतामें मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगी। एक प्रस्ताव स्थगित भी हुआ। मंजूर हुई नई पर्यटन नीति के तहत कौशल प्रशिक्षण, विपणन और अपशिष्ट उपचार के क्षेत्र में निवेश करने पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। यह नीति अगले सात साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगी।
पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा। पूंजीगत सब्सिडी का लाभ उन पुराने निवेशकों को भी दिया जाएगा जो आतिथ्य इकाइयों का विस्तार करना चाहते हैं। प्रत्येक निवेश परियोजना की अर्हता के लिए निवेश की सीमा 5 करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। इसके अलावा 2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइड लाइन को भी मंजूरी दी गई। दूसरी तरफ, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ड्रोन शो में जो खर्च हुआ, उसका भुगतान सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पेड़ काटने पर अब नहीं जाना पड़ेगा जेल
राज्य में बिना अनुमति निजी भूमि से पेड़ काटने पर कारावास की सजा नहीं होगी। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधान में संशोधन को मंजूरी दी है। अधिनियम में पेड़ काटने पर 5 रुपये जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान है। इसमें से सजा को हटाकर जुर्माने को 5 हजार रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया है।
38 संविदा जेई ग्राम्य विकास में किए शामिल
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर तैनात 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में शामिल कर दिया गया है। ये सभी अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे। इनकी संविदा समाप्त हो रही थी।
पुत्र वधू भी मानी जायेगी मृतक आश्रित
कैबिनेट ने उत्तराखंड कर्मचारी मृतक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कर्मचारी की पुत्र वधू भी मृतक आश्रित के लिए पात्र होगी। पुत्र की मृत्यु होने पर पुत्र वधू को मृतक आश्रित के तहत नौकरी मिल सकेगी।
कैबिनेट ने ये फैसले भी किए
-2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइडलाइन में संशोधन किया गया
-अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में ड्रोन से शो के खर्च को मंजूरी दी गई। भुगतान सरकार करेगी।