वैकल्पिक कैलेंडर के आधार पर होगी इस साल पढ़ाई, स्कूल खोलने की तैयारियों में जुटा शिक्षा विभाग
-शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने वर्चुअल लैब के माध्यम मुख्य शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों व उप शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली, दिए आवश्यक निर्देश
देहरादून (dehradun)। उत्तराखंड के स्कूलों में इस साल वैकल्पिक कैलेंडर के आधार पर पढ़ाई होगी। इसके निर्देश शिक्षा निदेशक (education director) आरके कुंवर (rk Kunwar) ने विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। वैकल्पिक कैलेंडर एनसीईआरटी (NCERT) की ओर से बनाया गया है। जबकि, इस सत्र के लिए संशोधित पाठ्यक्रम विद्यालयी शिक्षा परिषद (रामनगर बोर्ड) ने तैयार किया है।
शिक्षा विभाग 2 नवम्बर (2 November) से स्कूल खोलने की तैयारियों में जुट गया है। तैयारी के लिए शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने आज वर्चुअल लैब के माध्यम मुख्य शिक्षाधिकारियों (CEO), खंड शिक्षा अधिकारियों (deo) व उप शिक्षा अधिकारियों की बैठक (meeting) ली। कुंवर ने कहा कि जल्द ही SOP जारी की जायेगी, जिसका सभी विद्यालयों में पालन किया जाएगा। जिला व खंड स्तरीय अधिकारी नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि रामनगर बोर्ड की ओर से तैयार संसोधित पाठ्यक्रम और एनसीईआरटी (scert) के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के आधार पर ही इस सत्र में पढ़ाई होनी है। ये दोनों ही दस्तावेज सभी जनपदों को उपलब्ध कराए गए हैं। 25 अक्टूबर तक जिला स्तरीय अधिकारी सभी प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को उपलब्ध कराएंगे। बैठक में अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल, अपर सचिव बोर्ड मोहन रावत, कुलदीप गैरोला, डॉ मोहन सिंह बिष्ट, प्रदीप रावत, दिनेश गौर, विनोद ढौंडियाल आदि मौजूद रहे।
स्कूलों में चलेगा व्यापक सफाई अभियान
उन्होंने कहा कि विद्यालय खुलने से पहले व्यापक स्वच्छ्ता अभियान चलाया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि विद्यालयों के कमरों से लेकर टॉयलेट व पीने के पानी की जगह सभी साफ-सुथरी हो।
प्रकाश पुस्तिका ने निर्देशों का करें पालन
अपर निदेशक महानिदेशालय वंदना गरब्याल ने कहा कि एससीईआरटी ने स्कूल खुलने पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य व कोरोना से बचाव के लिए प्रकाश पुस्तिका तैयार की है। उस प्रत्येक शिक्षक तक पहुचायें। प्रत्येक विद्यालय में इसका पालन किया जाय।
बच्चों को विद्यालयी वातावरण में ढालने को कराएं क्रियाकलाप
अपर निदेशक सीमैट शशि चौधरी ने कहा कि लंबे समय बाद स्कूल खुल रहे हैं। इसलिए स्कूल खुलने पर सीधे पढ़ाई शुरू करने के बजाय बच्चों को विद्यालयी वातावरण में ढालने के क्रियाकलाप किए जाएं। इसके लिए सीमैट ने प्राज्ञता नाम से दिशा-निर्देश तैयार किये हैं। उनका पालन किया जाय।