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उत्तराखंड के वर्तमान राजनीतिक परिवेश पर कवि/चिंतक विजय स्नेही की कुछ पंक्तियां

विजय स्नेही
देहरादून,उत्तराखंड
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वर्तमान राजनीतिक परिवेश पर कुछ पंक्तियां
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रंग बदलते देखा है,
हालात बदलते देखा है!
इंसानों की दुनिया में,
ईमान बदलते देखा है!

सत्ता की चकाचौंध में,
क्यों इतराते हो भाई!
यह तो आनी जानी है,
फिर किस पर इठलाते हो भाई
जाने कब तुम समझ पाओगे,
वक्त को किसने देखा है!

रंग बदलते देखा है
हालात बदलते देखा है!

रुपया पैसा खेल तमाशे,
यही सब रह जाएंगे!
वक्त की मार बड़ी पैनी है
यह बात नहीं जानेंगे,

सच को सच ही जानो भैया,
झूठ तो सब ने देखा है!

रंग बदलते देखा है
हालात बदलते देखा है!

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