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हरिद्वार महाकुंभ में शाही स्नान के दिन वीआईपी पर रहेगी रोक, नहीं होगा वीआईपी मूवमेंट

-हरिद्वार महाकुंभ मेले को लेकर शुक्रवार को इंटरस्टेट कोर्डिनेशन बैठक (inter state coordination meeting) हुई। बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद अहम निर्णय लिए गए।

देहरादून (Dehradun)। हरिद्वार में अप्रैल में होने जा रहे महाकुंभ मेले (Haridwar mahakumbh) में शाही स्नान के दिनों में कोई भी वीआईपी नहीं आएगा यानी शाही स्नान (Shahi Snan) की तिथियों के दिन वीआईपी मूवमेंट (VIP movement Ban) पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसका निर्णय शुक्रवार को हुई इंटरस्टेट कोर्डिनेशन बैठक (inter state coordination meeting) में लिया गया।
बैठक में हरिद्वार महाकुंभ मेला 2021 के लिए राज्यवार/एजेंसियों व उत्तराखंड राज्य पुलिस के बीच विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद निम्नलिखित अहम निर्णय हुए।

-केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से कुम्भ मेले के लिए जारी एसओपी का पूरी तरह से पालन करेंगे। दिशा-निर्देशों का सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भी प्रचार-प्रसार करेंगे, जो भी तीर्थयात्री व श्रद्धालु राज्य से कुम्भ मेले में आएं वे कोविड की गाइडलाइन्स का अनुपालन करें। तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं को कुम्भ मेला के वेब पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने व कोविड नेगिटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता के संबंध में बताया गया और प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया। सभी राज्यों ने इस पर सहमति व्यक्त की गयी।

-शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रोक रहेगी। वीआईपी यदि आना चाहते हैं तो वे साधारण श्रद्धालु की भांति ही आ सकते हैं।

-राज्यों व एजेंसियों की पूर्व की घटनाओं व कुम्भ के दौरान घटित घटनाओं, राष्ट्र विरोधी तत्वों के संबंध में सूचना साझा की। भविष्य में भी सूचना का आदान-प्रदान व्हाट्सएप व अन्य माध्यमों से करने का निर्णय लिया गया।

-ट्रैफिक डायवर्जन में सीमावर्ती राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सीमावर्ती राज्यों के नोडल अधिकारियों में समन्वय एवं सूचनाओं के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। प्रमुख स्नान वाले दिनों में यातायात का दबाव अधिक होने पर उत्तर-प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और डायवर्जन शुरू किया जाएगा। इस संबंध में सभी सीमावर्ती जनपदों के पुलिस उपाधीक्षकों व थाना प्रभारियों हरिद्वार में बैठक होगी।

-रेलवे में अधिक भीड़ होने पर सीमावर्ती नजीबाबाद व सहारनपुर के रेलवे स्टेशनों को भी एक्टिव किया जाएगा।

-कुम्भ मेले के मार्गों पर सीमावर्ती राज्यों की ओर से भी विभिन्न स्थानों पर एम्बूलेंस एवं क्रेन तैनात की जाएगी।

-कुम्भ के दौरान संपर्क व संचार के लिए वायरलेस का उपयोग किया जाएगा। एक काॅमन फ्रिक्वेन्सी की व्यवस्था की जाएगी।

-प्रत्येक राज्य व एजन्सी में एक वरिष्ठ अधिकारी को कुम्भ मेले में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

-कुम्भ मेले के दौरान प्रत्येक राज्य की ओर से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे प्राप्त सूचनाओं को तुरंत शेयर किया जाएगा।

-कुंभ मेले के प्रचार-प्रसार के लिए फेसबुक पेज भी बनाया गया है। इस पेज पर कुंभ से जुड़ी सभी सूचनाएं श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस के फेसबुक पेज व ट्विटर हैण्डल से भी ट्रैफिक प्लान व पार्किंग की जानकारी श्रद्धालु घर बैठे पा सकेंगे।

-अन्तर्राज्यीय अपराधियों के संबंध में विवरण, डोजियर्स आदि का आदान-प्रदान किये जाने, मानव तस्करी, जेब कतरों, ईनामी व वांछित अपराधियों की कड़ी निगरानी करने और इनके संबंध में जानकारी तुरंत साझा करने पर बल दिया।

– अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्ट- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर व गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों व वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चैकिंग की जाएगी।

-बैठक में दीपक रावत, मेलाधिकारी कुम्भ मेला व सभी राज्यों/एजेन्सियों के अधिकारियों ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में विचार साझा किये।

बैठक में विभिन्न राज्यों के ये अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में आलोक मित्तल, अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी हरियाणा, राजीव सभरवाल, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन उत्तर प्रदेश, पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी/पीएसी उत्तराखंड, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखंड, पी/एम वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, रूपिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना राजस्थान, दिलजीत ठाकुर, पुलिस महानिरीक्षक हिमाचल, एनएन सिंह, एडीआरएम उत्तर-रेलवे, मुरादाबाद, रविकान्त, एसीपी दिल्ली पुलिस, कुलदीप नारायण, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तर-प्रदेश सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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