वॉलीबाल को ‘बी’ कैटेगिरी में रखने पर नाराजगी, मुख्यमंत्री से खेल को ‘ए’ कैटेगिरी में रखने का अनुरोध
उत्तराखंड खेल विभाग व मंत्रालय ने खेल नीति तैयार की है, -उसमें राज्य के अति लोकप्रिय वॉलीबॉल खेल को द्वितीय कैटेगरी में किया गया शामिल
-मंत्रालय व खेल विभाग की इस हरकत से खेल प्रेमियों के साथ ही उत्तराखंड वॉलीबॉल एसोसिएशन में भी नाराज
देहरादून। उत्तराखंड खेल मंत्रालय ने वॉलीबॉल को राज्य के दूसरी कैटेगिरी के खेल में शामिल किया है। इससे खेल प्रेमियों के साथ ही उत्तराखंड वॉलीबॉल एसोसिएशन में भी नाराजगी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी अवधेश कुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वॉलीबाल को पहली कैटेगिरी में रखने का अनुरोध किया है।
चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड सीनियर वॉलीबॉल टीम ने उत्तराखंड को पहला गोल्ड मैडल दिलाया है। इतना ही नहीं सभी वर्गो में वॉलीबॉल में मैडल मिले हैं। लेकिन, खेल विभाग व मंत्रालय ने जो खेल नीति तैयार की है, उसमें राज्य के अति लोकप्रिय वॉलीबॉल खेल को द्वितीय कैटेगरी में रखा गया है। यह उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से वॉलीबॉल खेल को ए (प्रथम) कैटेगिरी में रखने के लिए खेल मंत्रालय को आदेश देने का अनुरोध किया। एसोसियेशन की बैठक में मुख्यमंत्री को मांगपत्र देने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी अवधेश कुमार, सचिव हेम पुजारी, कोषाध्यक्ष सुभाष शाह, सतेंद्र सिंह, कमलेश काला, सेवा सिंह मठारू, मनीष मदान, सचिन सेमवाल आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड वॉलीबाल टीम देश की टॉप 5 में शामिल
उत्तराखंड की वॉलीबाल टीम देश की 5 टॉप टीमों में से एक है। राज्य की सीनियर वॉलीबॉल टीम ने 2002 में पहला गोल्ड मैडल सीनियर नेशनल वॉलीबाल चैंपियन शिप में राज्य को दिलाया था। 2003, 2005, 2006, 2010 में कांस्य पदक और 2009, 2011, 2012 व 2013 में सिल्वर मैडल जीते।
निरंतर मेडल लाती रही हैं टीमें
फेडरेशन कप वॉलीबॉल चैंपियनशिप 2016 में जीता गोल्ड मैडल जीता। जूनियर नेशनल वॉलीबाल चैंपियनशिप (देहरादून में जनवरी 2014 में हुई) में काँस्य पदक जीता। सब जूनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप (2015 में तेलंगाना में हुई) उत्तराखंड टीम ने सिल्वर मैडल जीता। मिनी नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप (कर्नाटक में 2015 में हुई) में राज्य की टीम ने रजत मेडल जीता।
उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर
देहरादून के अंतराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी मेहर सिंह ने करीब 10 वर्ष तक भारतीय वॉलीबॉल टीम की कप्तानी की है। वहीं, अरुण कुमार सूद अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी भी देहरादून (डोईवाला) के हैं। यह सभी के लिए गर्व की बात है।