समाज को अच्छा पुरुष मिले यह जिम्मेदारी भी महिलाओं की: इति सामंत
-नई पीढ़ी फाउंडेशन व राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों पत्रकारों के प्रथम साझा मंच राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (वाजा इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में “नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका” विषय पर देश ओड़िशा के भुवनेश्वर से हुआ चर्चित वेबिनार
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, विशाखापट्टनम और तिरुवनंतपुरम के बाद गत दिनों नई पीढ़ी के नवनिर्माण को समर्पित देश के उभरते संगठन नई पीढ़ी फाउंडेशन व राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों पत्रकारों के प्रथम साझा मंच राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (वाजा इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका” विषय पर देश की चर्चित वेबिनार ओड़िशा के भुवनेश्वर से सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बात रखते हुये कादम्बिनी मीडिया प्रा.लि. की डायरेक्टर इति सामंत ने ओड़िशा की संस्कृति को जगन्नाथ संस्कृति से जोड़ते हुए व्याख्यान की शुरुआत की। अनेक अध्यात्मिक प्रतीकों के माध्यम से उन्होने मां के महत्व को सरल भाषा में व्याख्यायित किया। उन्होंने कहा कि समाज को एक अच्छा पुरुष मिले यह जिम्मेदारी महिलाओं की है।
मानव विज्ञान विशेषज्ञ डॉ संगीता महंती ने कहा कि हमारे बच्चे अच्छे अंको से पास तो हो जाते हैं। लेकिन, मौलिकता गायब है ऐसे में माताओं की जिम्मेदारी बढ़ गई है। मनोविश्लेषक डॉ निधि गर्ग ने कहा कि मां के समान कोई छाया नहीं, कोई जीवनदाता नहीं, माँ-बाप व घर-परिवार में बच्चे जो देखते हैं, वही उनके दिमाग में प्रिंट हो जाता है। इसी तरह शिक्षाविद डॉ कल्याणी षडंगी ने कहा कि आज की सदी में महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। महिलायें ही नये समाज की सूत्रधार हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ओड़िशा राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य डॉ नम्रता चड्ढा ने सभी वक्ताओं के व्याख्यान पर टिप्पणी देते हुए इस आनलाइन कार्यक्रम की सराहना की। “नई पीढ़ी” के संस्थापक शिवेन्द्र प्रकाश द्विवेदी की सराहना करते हुए उन्होंने इस तरह के तमाम कार्यक्रमों की उपयोगिता बताई और सहयोग का आश्वासन दिया।
इस आनलाइन कार्यक्रम का संचालन “नई पीढ़ी फाउंडेशन” ओड़िशा इकाई की संयोजक वेदुला रामालक्ष्मी ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनके संचालन शैली की सराहना की।