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उत्तराखंड में आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहा है जमीन व मकान खरीदना: आर्य

उत्तराखंड में जमीन के सर्किल रेट बढ़ाने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नाराजगी जताई है। आर्य ने सरकार से नए सर्किल रेट वापस लेने की मांग की है।

उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा उत्तराखंड सरकार की ओर जमीन के बढ़ाए गए सर्किल रेट का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बेतहाशा बढ़ रही महंगाई पर उत्तराखंड सरकार ने जमीन के सर्किल रेट में वृद्धि का तड़का लगाया है, उससे जमीन खरीदना और मकान बनाना अब आम लोगों की पहुंच से दूर होते नजर आ रहा है। कहां तो सरकार सबको छत देने का वादा कर रही थी और अब बदली हालातों में एक आम गरीब आदमी के लिये मकान बनाने के लिए जमीन खरीदना भी मुश्किल प्रतीत हो रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेशभर में जमीन के सर्किल रेट में वृद्धि की है। यह वृद्धि कम से कम 70 प्रतिशत और अधिकतम 120% की गयी। हाल के सालों में एक साथ कभी भी जमीन के सर्किल रेट में इतनी वृद्धि नहीं हुई थी।

यशपाल आर्य ने कहा कि सर्किल रेट में इस वृद्धि से गरीबों ही नही, मध्यम वर्गीय लोगों और छोटे कर्मचारियों/ व्यापारियों के साथ अन्याय होगा। यह अफसोस कि बात है कि सरकार ने इस निर्णय को उस समय लिया जब आधा उत्तराखंड का अधिकांश पर्वतीय इलाका भू–घंसाव से परेशान है। इन प्रभावित लोगों को घर बनाने के लिए भूमि लेनी है, बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है, ऐसे में कोई भी आम व्यक्ति भूमि/संपत्ति खरीदने की कैसे सोच सकता है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आम व्यक्ति सालों तक पाई पाई जोड़कर मकान बनाने के लिए जमीन खरीदता है, अब अचानक जमीनों के सर्किल रेट में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर भाजपा सरकार ने आम लोगों के घर के सपने पर तुषारपात करने का काम किया है।आर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में पहले से ही जमीनों के सर्किल रेट बहुत अधिक थे। इस बार की वृद्धि के बाद आवासीय भूखण्ड खरीदना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि जमीनेां के सर्किल रेट अधिक होने के बाद जमीनों की कम रजिस्ट्री होने से राज्य को राजस्व की भी हानि होगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रणाली ऐसी होनी चाहिए कि जनता को भी सर्किल रेट देते हुए अफसोस न हो। उन्होंने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि, वह सर्किल रेट में अनुचित वृद्धि तत्काल वापस ले और पुराने सर्किल रेट पुनः लागू कर जनता के साथ न्याय करे।

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