ऐ वक्त दिल की बात कहूं तो.. लग जाएगा बुरा तुम्हें..
डॉ अलका अरोड़ा, देहरादून
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ऐ वक्त दिल की बात कहूं तो
लग जाएगा बुरा तुम्हें
बहुत सुकून भरे दिन बीते
पहचानने से पहले तुम्हें
यह वक्त बड़ा बेमानी- सा है
कभी कभी रूहानी -सा है
चलता हमेशा अपनी ही चाल
कभी किसी तो कभी किसी के साथ
कभी किसी को बेच डालता
कभी किसी के हो लेता साथ
कभी रंक से राजा कर दे
कभी छोड़ देता मझधार
मैंने वक्त से सीखा चलना
बेमुरव्वत बहते रहना
बांधे रखता सबके हाथ
वक्त किसी के नहीं है साथ
साथी ऐसे जैसे सपना
वक्त किसी का नहीं है अपना
थोड़ा कुछ रूहानी -सा है
वक्त बड़ा बेमानी- सा है।