सावित्री काला के काव्य संग्रह ‘शब्द शक्ति’ का विमोचन
वाजाल ने आयोजित किया बसंत उत्सव
देहरादून: राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड की महिला इकाई (वाजाल) ने बसंत उत्सव धूमधाम से मनाया। वसंत उत्सव में कवियों ने रंग जमाया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार सावित्री काला सवि के काव्य संग्रह ‘शब्द शक्ति’ का विमोचन भी किया गया।
डेरावाल भवन तिलक रोड में आयोजित वसंत उत्सव व पुस्तक विमोचन समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाषा संस्थान की उपाध्यक्ष रजनी कुकरेती, समारोह के अध्यक्ष वाजा इंडिया के राष्ट्रीय महामंत्री शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि विजय स्नेही और वीरेन्द्र डंगवाल पार्थ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। वाजाल की महासचिव कविता बिष्ट और ज्योत्स्ना जोशी ने सरस्वती वंदना की। इसके बाद कमलेश्वरी मिश्रा ने ‘ऋतुराज पधारो, वसंत ने द्वार हैं खोले’, सविता जोशी ने ‘सुबह जैसे ही तुम सोकर उठे’, भारती पांडे ने ‘ओ कबीर देखो यहां पर लोलुपता की क्यारी छूने लगी है आसमान’ सुनाकर वाहवाही लू टी। अनीता बिष्ट ने ‘ऋतुराज वसंत का स्वागत है’, प्रतिभा नैथानी ने ‘रह सकूं हर मौसम में कहीं बिल्कुल तुम्हारे पास’, डिंपल सान न ने ‘पंछियों ने कब पूछा चहकना कहां है गुलों ने कब सोचा महकना कहां है’, निकी पुष्कर ने ‘हर मसर्रत मेरे दिल की कोई कहती है गजल मेरे जीएम में भी पिघलती हुई बहती है गजल’, निर्मला पंत ने ‘गणतंत्र कहने से हम बौने नहीं हो जाते’ सुनाकर सभी का मन मोह लिया। इससे पहले कवियत्री सावित्री काला सवि का परिचय भारती पांडे ने दिया। कार्यक्रम का संचालन वाजाल की प्रदेश अध्यक्ष डॉ बसंती मठपाल ने किया। इस अवसर पर नरेंद्र उनियाल, जीके पिपिल, जसबीर सिंह हलधर, कमलेश्वरी मिश्रा, स्वामी एस चन्द्रा, संजय कांबोज, सुलोचना परमार, मंजू काला, शकुन्तला वर्मा, डॉ नीलम प्रभा, आदित्य, संजय कांबोज, उमा गुप्ता, अंकिता, उषा झा, विजय अग्रवाल, सूरज अग्रवाल, रविन्द्र सेठ, शेखर बहुगुणा, विनीता मैठाणी, मनीष नैथानी, रितिका पथानिया, आनंद दीवान, डॉ प्रभा जैन आदि मौजूद थे।