Wed. Dec 17th, 2025

योग दिवस: कवि जसवीर सिंह हलधर की एक रचना.. आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो

गीत – योग दिवस – आरोग्यम
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आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो।
तन मन को रोग मुक्त अभियान बना लो।।

है योग सिद्ध साधन जीवन शैली का।
करता है शोधन इस काया मैली का।
गिनती के बाकी सार्थक प्राण बचा लो।।
आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो।।1

अब एक सांस भी व्यर्थ न जाने पाये।
कोई रोग व्याधि आकर के नहीं सताये ।
दीर्घायु जीवन का अनुमान बढ़ा लो।।
आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो।।2

इस योग शक्ति का तुमको भान नहीं है।
कुंडलनी की गति का अनुमान नहीं है।
लोहा सम हो ये देह वो पान चबा लो।।
आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो।।3

बगिया में घूम रहा सांसों का माली।
करता गिनती फूलों की डाली डाली।
हलधर “मन में चेतन निर्वाण सजा लो।।
आरोग्यम जीवन की पहचान बना लो।।4

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