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डीएम स्वरोजगार के लिए बनाएंगे प्रोजेक्ट, शासन देगा रुपया

-मुख्य सचिव डॉ एसएस सन्धु ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलाधिकारियों व आयुक्तों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्य सचिव ने लिए सभी जिलाधिकारियों से विभिन्न बिंदुओं पर सुझाव लिए।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। राज्य के युवाओं के लिए स्वरोजगार द्वार खोलने के लिए डीएम प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। मुख्य सचिव ने उसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि डीएम प्रोजेक्ट तैयार करें। ऐसे प्रोजेक्ट्स को किसी प्रकार से धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि आपके पास अच्छा प्रोजेक्ट है। लेकिन, विशेषज्ञ नहीं हैं तो प्रोजेक्ट की सफलता के लिए विशेषज्ञ भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को अच्छे प्रोजेक्ट्स तैयार करने को कहा। जिससे आमजन को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। गौरतलब है कि मुख्य सचिव द्वारा लगभग दो सप्ताह पहले पत्र के माध्यम से जिलाधिकारियों से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही परेशानियों व उनके निस्तारण के साथ ही आमजन को सहूलियत देने के लिए और क्या किया जा सकता है, इस पर सुझाव मांगे थे। आज लगभग 3 घन्टे से अधिक चली बैठक में सभी जिलाधिकारियों से बहुत से सुझाव प्राप्त हुए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनता की उम्मीदों में खरा उतरने के लिए जनता के बीच जाना होगा। जिलाधिकारी जनता से रूबरू होकर जनता की समस्याओं को हल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को क्षेत्र में दौरा करने का पूरा समय मिल सके, इसके लिए अधिकारियों की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सप्ताह में कोई दिन नियत कर लिया जाए।

सभी विभाग तैयार करेंगे ट्रेनिंग मॉड्यूल

मुख्य सचिव ने कहा कि नये अधिकाri-कर्मचारियों को सिस्टम व उसके कार्यों की उचित जानकारी न होने के कारण काम ने अनावश्यक देरी होती है। इसे दूर करने के लिए फॉर्मल ट्रेनिंग कराने के साथ ही, विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के प्रशिक्षण करने के लिए सभी विभाग अपना ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करेंगे, इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

समस्याओं के निस्तारण के लिए क्षेत्र के लोगों से लें सुझाव

मुख्य सचिव ने कहा कि बहुत से ऐसे प्रोजेक्ट्स होते हैं जो बहुत अच्छे होते हैं। लेकिन, किसी पुराने नियम जो तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरूप सही रहा हो पर आज की परिस्थितियों के लिए अनुपयोगी हो, और उस नियम की वजह से प्रोजेक्ट्स के लिए स्टेट लेवल पॉलिसी में संशोधन की आवश्यकता है तो निश्चित रूप से पॉलिसी में सुधार पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें सॉल्यूशन फाईंडर की भूमिका निभानी है। बहुत सी ऐसी समस्याएं होती हैं जिनका सॉल्यूशन ऑफिस में बैठकर नहीं निकाला जा सकता। लेकिन, उस समस्या का हल उस क्षेत्र के नागरिक को पता होता है, कि उसे कैसे हल किया जा सकता है। क्षेत्र विशेष की समस्याओं के निस्तारण के लिए उस क्षेत्र के लोगों से भी सुझाव लिए जाने चाहिए ताकि उस समस्या का उचित हल निकाला जा सके।

जीरो पेंडेंसी ले लिए डेवेलप होगा सिस्टम

मुख्य सचिव ने जीरो पेंडेंसी पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए सिस्टम डेवेलप किया जा रहा है।

जिलाधिकारियों ने दिए सुझाव

जिलाधिकारियों की ओर से मेडिकल टैक्सी शुरू करने, प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अपना सीड सर्टिफिकेशन सिस्टम विकसित करने, जनपदों की विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली सड़कों के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किए जाने व फील्ड मशीनरी को ज्यादा दुरुस्त करने सहित आमजन को जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट्स की प्रक्रिया को सुगम बनाने जैसे अच्छे सुझाव आए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रकार की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि अच्छे सुझाव मिल सकें और हम आमजन को सहूलियत देने में अधिक सफल हो सकें। उन्होंने अपने सुझावों पर एक विस्तृत नोट तैयार कर शासन सहित मुख्य सचिव कार्यालय को भेजे जाने की बात भी कही।

सचिव भी रहे मौजूद

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई सहित सभी सचिव, आयुक्त गढ़वाल व कुमाँऊ सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी मौजूद रहे।

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